UP: बाढ़ तो आकर चली गई, लेकिन कई परिवारों दे गई निराशा और परेशानियों का दर्द

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

UP News: फतेहपुर जिले की बिंदकी तहसील में गंगा और पांडु नदी का जलस्तर घटने के बाद अब पीड़ित राहत महसूस कर रहे हैं. ग्रामीण अब अपने घरों को लौटने लगे हैं. खतरे के निशान से नीचे पानी आने के बाद गांवों से पानी तो उतर गया है, लेकिन जिन किसानों की फसल बाढ़ की भेंट चढ़ गई, वे निराशा में डूबे हुए है. परिश्रम की फसल बर्बाद होने से सबसे ज्यादा चिंतित वे किसान, जिन्होंने कर्ज लेकर खेती की थी और उनके मन में ये आस थी फसल तैयार होने पर उसे बेचकर कर्ज चुका देंगे और कुछ पैसे उनकी जेब में भी आएंगे. वहीं, पानी घटने से लोगों को संक्रामक बीमारियों की चिंता भी सता रही है.

अभी भी 70 परिवार रह रहे त्रिपाल के नीचे

महुआ घाटी में बाढ़ पीड़ितों के लिए बना सरकारी राहत शिविर बुधवार को हटा लिया गया. हालांकि यहां अभी भी करीब 70 परिवार के लोग त्रिपाल के नीचे रह रहे हैं. दोपहर की तेज धूप और उमस भरी गर्मी में लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मेरा घर कच्चा था, जो बाढ़ के पानी से गिर गया. अब मेरे पास रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं बचा है. इससे मेरे सामने सिर छिपाने की समस्या खड़ी हो गई है. अगर मदद नहीं मिली तो मुझे पन्नी का तंबू लगाकर गुज़ारा करने को विवश होना पड़ेगा. मैं बेहद गरीब हूं और दूसरे की खेती बटाई पर करती थी, लेकिन खेती भी बाढ़ की भेंट चढ़ गई.

…रामकली, निवासी बिंदकी फार्म

गांव में आई बाढ़ तो वापस लौट गई, लेकिन मुझे निराशा और हताशा दे गई. मेरी जमीन कटकर गंगा में बह गई. धान, तिल्ली, मिर्च और गोभी की फसल की बुआई की थी, जो पूरी तरह से बर्बाद हो गई. बाढ़ से किसी भी खेती नहीं बची, जिससे लोगों में निराशा है.

…ननकी, निवासी बिंदकी फार्म

बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है. मेरी करीब 12 बीघा सब्जी और साग की खेती पूरी तरह से बर्बाद हो गई. लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. अब तक शासन-प्रशासन से जो भी मिली है, वह केवल राहत शिविर तक ही सीमित रही है. हम बाढ़ के बीच भी अपना घर छोड़कर वहां नहीं गए, इसलिएं हमें कोई सहायता नहीं मिली.

…राधा मोहन वर्मा, निवासी जड़ेका पुरवा

पांडु नदी का जलस्तर पिछले 15 दिनों से बढ़ा हुआ था. हालांकि, अब पानी घटने से स्थिति सामान्य है. लेकिन फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. मवेशियों को छोड़कर राहत शिविर नहीं जा सकते. पानी घटने से गांव में मच्छरों की भरमार हो गई है और महामारी का खतरा भी बढ़ गया है. प्रशासन को तत्काल फॉगिंग कराने के साथ ही दवा का छिड़काव कराना चाहिए.

…महेश पटेल, निवासी जाड़ेकापुरवा

पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्नेह लता गुप्ता ने बताया

पशु चिकित्सा अधिकारी गोपालगंज डॉ. स्नेह लता गुप्ता ने बताया कि महुआ घाट में विशेष कैम्प लगाकर पशुओं का लगातार इलाज किया जा रहा है. इसके साथ ही पशुओं को टैग लगाकर पंजीकृत किया जा रहा है, ताकि सरकार से मिलने वाले सभी लाभ उन्हें मिल सकें. उधर, तहसीलदार बिंदकी अचलेश सिंह ने कहा कि बर्बाद हुई फसलों का आकलन कराया जाएगा.

युवा विकास समिति ने बच्चों को बांटा शिक्षा सामग्री

युवा विकास समिति बाढ़ प्रभावित परिवारों के बच्चों के लिए आगे गई. समिति की टीम ने महुआ घाटी शिविर का दौरा किया. पीड़ितों से खाने-पीने आदि व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी. समिति के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र मिश्रा ने बताया कि घाटी शिविर में समिति की तरफ से करीब 100 बच्चों को बैग, कॉपी, किताब, पेन-पेंसिल, बिस्किट और नमकीन वितरित किया गया.

(रिपोर्ट, यश द्विवेदी)

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