Bihar Election 2025: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर अपना कैंपेन सॉन्ग लॉन्च कर दिया है. इस सॉन्ग की टैगलाइन है ‘तेजस्वी अबकी अईहें गे, रौशन सबेरा लईहें गे.’ साथ ही इसमें उन्हें बिहार का बेटा बताया गया है और कई सारे वादों को पूरा करने की बात कही गई है.
मगही भाषा में तैयार किया गया गीत
राष्ट्रीय जनता दल का कैंपेन सॉन्ग करीब पांच मिनट 43 सेकंड का है. इस सॉन्ग की शुरुआत ग्रामीण क्षेत्र के खूबसूरत नजारे के साथ होती है. सॉन्ग के बोल में तेजस्वी यादव का जिक्र किया गया है और उन्हें नेता नहीं बल्कि बिहार का बेटा बताया गया है. यह मगही भाषा में तैयार गीत है. तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसका वीडियो शेयर किया है, जिसमें लिखा है, “रौशन सवेरा लईहें गे.” राजद के कैंपेन सॉन्ग में कहा गया है, “तेजस्वी अबकी अईहें गे, रौशन सबेरा लईहें गे. नेता नहीं, ई बेटा छी, कोय एकरा सं बेहतर नहीं.”
रौशन सवेरा लईहें गे……#song #Bihar #TejashwiYadav #RJD #Viral pic.twitter.com/c7h42blOTy
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 27, 2025
गाने में इन चीजों का किया गया जिक्र
इस कैंपेन सॉन्ग में बेरोजगारी (Bihar Election 2025) का जिक्र, नौकरी देने का वादा, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, माई-बहिन योजना और वृद्धा पेंशन के तहत 400 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए प्रति महीना देने का वादा किया गया है. इसके अलावा, शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने, उद्योग पर फोकस और पलायन रोकने का भी वादा किया गया है. कैंपेन सॉन्ग में कहा गया, “आपन तेजस्वी भैया मुमकिन सब के सब कर पईहें गे.”
लगातार बैठक कर रहे तेजस्वी यादव
बता दें कि बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव के मद्देनजर राजद नेता तेजस्वी यादव लगातार बैठक कर रहे हैं. उन्होंने हाल ही में छात्र-युवा संसद में हिस्सा लिया था. उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर कार्यक्रम की फोटो शेयर करते हुए लिखा, “आज छात्र-युवा संसद में उमड़े युवाओं के लिए ढेर सारा प्यार और आभार. बिहार के युवा 20 वर्षों की इस निकम्मी एनडीए सरकार की मंशा भांप चुके हैं. युवा अब वह सत्ता के फैसले का इंतजार नहीं करेगा, बल्कि अब सत्ता का फैसला करेगा. बिहारी युवा मिट्टी के नहीं, हौसलों और हिम्मत के बने हैं. हमारी सोच में लहू नहीं क्रांति दौड़ती है. युवा साथियों, उठो, ठानो और चलो और तब तक मत रुको जब तक बिहार फिर से ज्ञान, कर्म, भक्ति, प्रगति और तरक्की की राजधानी न बन जाए.”