MP के 130 पूर्व विधायकों को बंगला खाली करने का आदेश, जीतू पटवारी समेत इन नेताओं के नाम शामिल

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

MP Election Result 2033: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई है. बीजेपी के दिग्गजों द्वारा अभी प्रदेश में सीएम फेस को लेकर मंथन जारी है. इस बीच मध्य प्रदेश से बड़ी खबर सामने आ रही है. बता दें कि बीजेपी और कांग्रेस के विधानसभा चुनाव हारे पूर्व मंत्रियों और विधायकों को 10 दिन में बंगला खाली करने का आदेश जारी किया है. ताकि चुनाव जीतकर आए नए विधायकों को बंगले आवंटित किए जा सकें.

दरअसल, भाजपा और कांग्रेस के 96 ऐसे विधायक हैं, जो इस बार विधानसभा चुनाव हार गए हैं. वहीं, 34 विधायक ऐसे हैं, जिनके दोनों दलों में टिकट कटे थे. यानी बीजेपी-कांग्रेस के 130 ऐसे पूर्व विधायक हैं, जिन्हें बंगला खाली करना होगा. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इन सभी पूर्व विधायकों को बंगला खाली करने का नोटिस भेजा जा चुका है. जल्द ही चुनाव जीत कर अब आए नए विधायकों को बंगला आवंटित किया जाएगा.

जानिए किसे खाली करना होगा बंगला
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, विधानसभा चनाव हारे हुए विधायकों में नरोत्तम मिश्रा, जीतू पटवारी, जालम सिंह पटेल, राज्यवर्द्धन सिंह, केपी त्रिपाठी के साथ कई नाम भी शामिल है. वहीं, हर्ष यादव, तरुण भनोत, लक्ष्मण सिंह, संजय शुक्ला, आलोक चतुर्वेदी, नारायण त्रिपाठी, प्रवीण पाठक, प्रद्युमन सिंह लोधी, भूपेंद्र मरावी, बापू सिंह तंवर, सुरेंद्र सिंह शेरा, रवींद्र सिंह तोमर, देवेंद्र सिंह पटेल के नाम भी शामिल हैं.

इनके बंगले यथावत रहेंगे
जानकारी दें कि टिकट कटने वाले 34 विधायकों में 10 विधायक ऐसे भी हैं, जो चुनाव जीतकर आए हैं. इन विधायकों के बंगले यथावत ही रहेंगे. इन विधायकों में बाला बच्चन, ओमकार सिंह मरकाम, रमेश मेंदोला, सचिन बिरला, संजय उइके, हीरालाल अलावा, रमेश मेंदोला, उमंग सिंघार, अनिल जैन और सीतासरण शर्मा का नाम शामिल है.

ये भी पढ़े- ‘कैश फॉर क्वेश्चन’ मामले में सांसद महुआ मोइत्रा पर गिरी गाज, संसद सदस्यता रद्द

Latest News

सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में भारत की तेजी: 2030 तक 100-110 अरब डॉलर होगा चिप मार्केट

भारत का सेमीकंडक्टर चिप मार्केट तेजी से विस्तार कर रहा है और विशेषज्ञों के अनुसार यह 2030 तक 100–110 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. सरकार द्वारा 2021 में शुरू किए गए सेमीकंडक्टर मिशन और विदेशी निवेश की पहलें इस उन्नति की नींव हैं. माइक्रोन जैसी कंपनियां भारत में सेमीकंडक्टर पैकेजिंग सुविधाएं स्थापित करने की योजना बना रही हैं, जिससे देश तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है.

More Articles Like This

Exit mobile version