Sitare Zameen Par: आमिर खान की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म को दर्शकों का खूब प्यार मिल रहा है. वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ की विशेष स्क्रीनिंग में भाग लिया. इस अवसर पर फिल्म के निर्माता और मुख्य अभिनेता आमिर खान समेत फिल्म की पूरी टीम भी मौजूद रही.
फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ (Sitare Zameen Par) विशेष रूप से उन व्यक्तियों की कहानियों को केंद्र में रखती है, जो न्यूरोडायवर्जेंट स्थितियों से जूझते हैं. यह फिल्म न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि समाज में विविधता, समानता और समावेश के महत्व को भी प्रभावी रूप से प्रस्तुत करती है.
समानता और समावेश का संदेश देती है फिल्म
राष्ट्रपति कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ देखी. इस फिल्म में न्यूरोडायवर्जेंट स्थितियों से पीड़ित वास्तविक लोगों को दिखाया गया है, जो विविधता, समानता और समावेश का संदेश देती है. फिल्म के निर्माता और मुख्य अभिनेता आमिर खान भी फिल्म के पीछे की टीम के साथ स्क्रीनिंग में मौजूद थे.”
President Droupadi Murmu watched the film ‘Sitaare Zameen Par’ at the Rashtrapati Bhavan Cultural Centre. The film, featuring real people with neurodivergent conditions, weaves in the message of diversity, equity and inclusion. Shri Aamir Khan, the producer and lead actor of the… pic.twitter.com/r9PLYFHpGq
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 24, 2025
20 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म
‘सितारे जमीन पर’ फिल्म 20 जून को सिनेमाघरों में रिलीज हुई. फिल्म में आमिर खान ने जूनियर बास्केटबॉल कोच गुलशन अरोड़ा का किरदार निभाया है, जो छोटे कद का है, लेकिन घमंडी इंसान है. वह अपनी मां के साथ रहता है, जिसका किरदार एक्ट्रेस डॉली अहलूवालिया ने निभाया है. फिल्म में आमिर की पत्नी के किरदार में जेनेलिया डिसूजा हैं.
क्या है कहानी
खेल संस्थान से निलंबित होने के चलते गुलशन अरोड़ा अपनी जिंदगी में गुम हो जाते हैं. एक रात वह शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं और पकड़े जाने पर हाथापाई पर उतारू हो जाते हैं. इस मामले में अदालत उन्हें जेल भेजने के बजाय, कम्युनिटी सर्विस की सजा सुनाती है, जिसमें उन्हें ‘डाउन सिंड्रोम’ वाले युवाओं की एक फुटबॉल टीम बनाकर उन्हें टूर्नामेंट के लिए तैयार करना होता है. इस टीम में सुनील (आशीष पेंडसे), सतबीर (आरुष दत्ता), लोटस (आयुष भंसाली), शर्मा जी (रिषि शहानी), गुड्डू (गोपी कृष्ण के. वर्मा), राजू (ऋषभ जैन), बंटू (वेदांत शर्मा), गोलू (सिमरन मंगेशकर), करीम (संवित देसाई) और हरगोविंद (नमन मिश्रा) हैं.
शुरू में गुलशन इन्हें ‘पागल’ समझता है और गुस्से और झुंझलाहट के साथ पेश आता है, पर छोटी-छोटी बातें धीरे-धीरे उसका दिल बदल देती हैं. फिल्म की कहानी ने डाउन सिंड्रोम और न्यूरो डाइवर्जेंस जैसे बेहद संवेदनशील विषय पर लोगों का ध्यान खींचा है.