Mumbai: भारतीय फिल्म ‘शोले’ अब साफ-सुधरे और नए रूप में दोबारा परदे पर लौट रही है. यह नया वर्जन ऑस्ट्रेलिया के इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ सिडनी (IFFS) में अगले महीने अक्टूबर में दिखाया जाएगा. फिर से जय और वीरू की जोडी उसी तरह धमाल मचाते हुए दिखेगी. बता दें कि सोवियत संघ में भी इस फिल्म को खूब पसंद किया गया.
इस प्रक्रिया में कई साल लगे…
बहुत ही सावधानी और मेहनत से शोले को 4K क्वालिटी में दोबारा तैयार किया गया है. इस रिस्टोरेशन का काम फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने सिप्पी फिल्म्स के साथ मिलकर किया. जानकारी के मुताबिक, इस प्रक्रिया में कई साल लगे. टीम को लंदन में फिल्म की एक बेहद दुर्लभ कलर रिवर्सल प्रिंट मिला था. मुंबई से कैमरा नेगेटिव्स और कुछ लंबे समय से खोए हुए डिलीट किए गए सीन भी प्राप्त हुए थे.
शोले को उसके असली रूप में दिखाना बहुत गर्व की बात
फेस्टिवल की निदेशक मीतू भौमिक लांगे ने बताया कि सिडनी में शोले को उसके असली रूप में दिखाना बहुत गर्व की बात है. यह केवल एक क्लासिक फिल्म की वापसी नहीं है बल्कि हमारे सांस्कृतिक इतिहास का एक अहम हिस्सा भी है। जब दर्शक फिल्म को उसके ओरिजिनल अंत के साथ देखेंगे तो यह अनुभव और भी खास हो जाएगा. इससे न सिर्फ निर्देशक की मूल कल्पना को सम्मान मिलेगा बल्कि भारतीय सिनेमा की विविधता और ताकत भी दुनिया के सामने आएगी.
जय और वीरू के इर्द-गिर्द घूमती है शोले की कहानी
1975 में रिलीज हुई शोले की कहानी दो अपराधियों जय और वीरू के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्हें एक रिटायर्ड पुलिस अफसरए ठाकुर बलदेव सिंह एक खतरनाक डाकू, गब्बर सिंह को पकड़ने के लिए बुलाता है. फिल्म में धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन ने वीरू और जय की भूमिकाएं निभाईं, जबकि हेमा मालिनी और जया भादुरी ने बंसती और राधा का किरदार निभाया. फिल्म की शूटिंग कर्नाटक के रामनगर की चट्टानी जगहों पर की गई थी. इसे बनने में करीब ढाई साल लगे थे.
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