Benefits of Yoga: कमर दर्द, थकान और स्ट्रेस से चाहिए राहत? यह एक आसन है आपकी सेहत का समाधान

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Benefits of Yoga: योग हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है, जो न केवल शरीर को स्वस्थ बनाए रखता है, बल्कि मन को भी शांति और संतुलन प्रदान करता है. योग में कई तरह के आसन होते हैं और उनमें से एक है ‘नटराजासन’. यह एक खास और प्राचीन मुद्रा है जिसे नृत्य भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें शरीर की स्थिति नृत्य जैसी लगती है. नटराजासन शरीर के संतुलन को बेहतर बनाने के साथ-साथ हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करता है. आज के समय में अधिकतर लोग शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द या मांसपेशियों की समस्याओं से परेशान रहते हैं, जिसका एक बड़ा कारण गलत तरीके से बैठना या चलना है. ऐसे में नटराजासन का नियमित अभ्यास इन समस्याओं से राहत दिला सकता है. यह आसन भगवान शिव की नटराज मुद्रा से प्रेरित है, जो शरीर के साथ-साथ मानसिक स्थिरता और आंतरिक शांति को भी बढ़ावा देता है.

हृदय को बनाएं मजबूत, थकान और तनाव को करें दूर

  • आयुष मंत्रालय (मध्य प्रदेश) की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, नटराजासन एक ऐसा योगासन है, जो शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाता है और हृदय को मजबूती प्रदान करता है. नियमित रूप से इस योग को करने से शरीर में ऊर्जा का संचार बढ़ता है और थकान महसूस नहीं होती.
  • जब ब्लड फ्लो बेहतर होता है, तो शरीर के सभी अंग अधिक प्रभावी तरीके से काम करते हैं. इसका असर त्वचा पर भी दिखता है—त्वचा ज्यादा स्वस्थ और चमकदार नज़र आती है.
  • नटराजासन केवल शारीरिक लाभ नहीं देता, बल्कि मानसिक तनाव को भी काफी हद तक कम करता है. इस आसन के अभ्यास से शरीर और मन दोनों को गहरी रिलैक्सेशन मिलती है. चिंता, घबराहट और बेचैनी जैसी समस्याएं कम होती हैं और व्यक्ति अंदर से शांत और स्थिर महसूस करता है.
  • हर दिन कुछ मिनटों तक नटराजासन का अभ्यास करने से मानसिक संतुलन बेहतर होता है और भावनात्मक नियंत्रण भी बढ़ता है. यह योगासन न केवल शरीर को लचीलापन और ताकत देता है, बल्कि आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ाता है.

कमर दर्द से राहत और बेहतर बॉडी मूवमेंट के लिए फायदेमंद नटराजासन

  • नटराजासन योग रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाने में मदद करता है. इस आसन के नियमित अभ्यास से पीठ की मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं, जिससे रीढ़ की हड्डी सही ढंग से काम करती है और कमर दर्द जैसी समस्याएं कम हो जाती हैं.
  • यह योगासन पीठ की मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है और रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ बनाए रखता है. नियमित अभ्यास से शरीर की मूवमेंट बेहतर होती है, जिससे चलना-फिरना आसान और दर्द मुक्त हो जाता है.
  • इसके अलावा, नटराजासन से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता भी बढ़ती है. इस आसन में संतुलन बनाते समय मन स्थिर होता है और भटकता नहीं है, जिससे सोच स्पष्ट होती है.
  • इसका अभ्यास मानसिक शांति भी प्रदान करता है, जिससे पढ़ाई या किसी भी काम में फोकस बढ़ाने में मदद मिलती है. रोजाना नटराजासन करने से आपका मन शांत और एकाग्र रहता है.

नटराजासन कैसे करें? (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड)

  • समतल ज़मीन पर सीधे खड़े हो जाएं.
  • अब दाहिने पैर को घुटने से मोड़ें और दाएं हाथ से टखने को पकड़ें.
  • धीरे-धीरे दाहिने पैर को ऊपर की ओर उठाएं.
  • बाएं हाथ को सामने की दिशा में फैलाएं ताकि संतुलन बना रहे.
  • कुछ सेकंड तक इसी स्थिति में बने रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लौटें.
  • अब यही प्रक्रिया दूसरे पैर से दोहराएं.

ध्यान देने योग्य बातें

  • इस आसन को खाली पेट या भोजन के 4-5 घंटे बाद करें.
  • शुरुआती दिनों में दीवार या सपोर्ट के पास अभ्यास करें.
  • संतुलन साधने में दिक्कत हो तो योग प्रशिक्षक की मदद लें.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों और घरेलू नुस्खों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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