बांग्लादेश में डेंगू का प्रकोप जारी, 24 घंटों में 1 हजार से ज्यादा मामले दर्ज

Divya Rai
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Content Writer The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Dengue Outbreak in Bangladesh: बांग्लादेश में डेंगू का कहर जारी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में डेंगू के 1,147 नए मामले और पांच नई मौतें दर्ज की गईं. आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में अब तक डेंगू के 2,960 मामले दर्ज किए गए, जिससे इस साल अब तक कुल 72,822 मामले और 288 मौतें हो चुकी हैं.

मानसून के बाद भी बढ़ रहा Dengue Outbreak in Bangladesh

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, बांग्लादेश में आमतौर पर डेंगू फैलने का मौसम जून से सितंबर तक माना जाता है, लेकिन अब यह बीमारी अपने सामान्य समय से बाहर भी फैल रही है. रिपोर्ट के अनुसार, डेंगू अब मानसून के बाद भी बढ़ रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है और दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में, ज्यादातर शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में पाया जाता है. इस बीमारी को फैलाने वाले मुख्य वाहक एडीज एजिप्टी मच्छर और कुछ हद तक एडीज एल्बोपिक्टस हैं.

डेंगू का कोई विशेष इलाज नहीं

डेंगू का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन समय पर पता लगाना, गंभीर लक्षणों की पहचान और सही देखभाल से मृत्यु दर को 1 प्रतिशत से कम किया जा सकता है. डेंगू पहली बार 1960 के दशक में बांग्लादेश (तब पूर्वी पाकिस्तान के रूप में जाना जाता था) में दर्ज किया गया था और इसे “ढाका बुखार” के रूप में जाना जाता था. साल 2010 से यह बीमारी मई से सितंबर के बारिश के मौसम में बढ़ती है. अधिक बारिश, जलभराव, बाढ़, तापमान में वृद्धि और मौसम के असामान्य बदलाव के कारण डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के फैलने की स्थिति अनुकूल हो रही है.

बांग्लादेश में ले लेता है महामारी का रूप

बांग्लादेश में डेंगू एक स्थायी (एंडेमिक) बीमारी है और बार-बार महामारी का रूप लेती है. यह देश की प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. डेंगू वायरस महामारी का कारण बन सकता है, जिससे बीमारी और मौतें बढ़ती हैं. बांग्लादेश में 2016 तक डेंगू वायरस के सभी चार सीरोटाइप पाए गए हैं. साल 2016 तक डीईएनवी-1 और डीईएनवी-2 प्रमुख थे. साल 2019 में सबसे बड़ा प्रकोप हुआ, जब डीईएनवी-3 मुख्य था. इस साल डीईएनवी-2 फिर से प्रमुख सेरोटाइप बन गया है.

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