Washington: अमेरिका के कई राज्यों में संक्रामक वायरल बीमारी (Hand, Foot and Mouth Disease – HFMD) तेजी से बढ़ रही है. हैंड, फुट और माउथ डिजीज के मामले में तेजी देखने को मिल रही है. यह बीमारी मुख्य रूप से छोटे बच्चों को प्रभावित करती है लेकिन बड़े बच्चे और वयस्क भी इससे संक्रमित हो सकते हैं. बुखार बढ़ने लगे. छालों में असहनीय दर्द हो. संक्रमण शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगे तो तत्काल डॉक्टर से सम्पर्क करें.
7 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे अधिक संवेदनशील
इसका सबसे आम कारण कॉक्ससैकीवायरस है, जो नॉन-पोलियो एंटरोवायरस के समूह से आता है. यह वायरस हवा, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क, लार, मल या संक्रमित छालों के माध्यम से तेजी से फैल सकता है. छोटे बच्चे, खासकर 7 साल से कम उम्र के बच्चे इस संक्रमण के लिए सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं. आमतौर पर यह बीमारी बच्चों में स्कूल या डेकेयर में फैलती है, क्योंकि बच्चे एक साथ रहते हैं और आसानी से एक.दूसरे से वायरस पा लेते हैं.
3 से 6 दिन में दिखाई देने लगते हैं लक्षण
संक्रमण के बाद आमतौर पर 3 से 6 दिन में लक्षण दिखाई देने लगते हैं. बुखार आना, भूख कम लगना, गले में दर्द, सिर दर्द और चिड़चिड़ापन, हमेशा अस्वस्थ महसूस करना, मुंह, गले, हाथों, पैरों और डायपर एरिया में लाल, छोटे और दर्दनाक छाल छोटे बच्चों में लार टपकना हाथों और पैरों के तलवों पर लाल चकत्ते…यदि बुखार बढ़ने लगे या छालों में असहनीय दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
निम्न तरीकों से फैलती है यह बीमारी
यह बीमारी मुख्य रूप से निम्न तरीकों से फैलती है, संक्रमित व्यक्ति के गले या नाक का स्त्राव, लार या मल के संपर्क में आने से, छालों में मौजूद तरल के संपर्क से, संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से..,खासकर 7 से 10 साल से कम उम्र के बच्चों के स्कूल या डेकेयर में रहने वाले बच्चे. कमजोर इम्यूनिटी वाले बड़े बच्चे और वयस्क, ज्यादातर बच्चे संक्रमण के बाद धीरे-धीरे खुद ही इस बीमारी के खिलाफ इम्यूनिटी विकसित कर लेते हैं.
हाइजीन मेंटेन करें, अपने और बच्चों के हाथ साफ रखें
हैंड, फुट और माउथ डिजीज से बचने के लिए हाइजीन मेंटेन करें अपने और बच्चों के हाथ साफ रखें. बार-बार हाथ धोएं. खासकर खाना खाने से पहले और बाद में और शौचालय इस्तेमाल के बाद हाथ धोएं. साफ-सफाई रखें. घर में बच्चे द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली चीजें जैसे खिलौने, नियमित रूप से डिसइंफेक्ट करें. संक्रमित बच्चों को अलग रखें. अगर बच्चे में लक्षण दिखें तो उन्हें स्कूल या डेकेयर न भेजें. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें खुद और बच्चों को संक्रमित व्यक्ति से दूर रखें.
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