Sour Burping: हर मौसम में ज्यादा खाने-पीने से पाचन की समस्या बनी रहती है. सर्दियों में लोग मौसम की वजह से ज्यादा गर्म और तला-भुना खाना खाते हैं, जिससे पाचन शक्ति प्रभावित होती है और खट्टी डकार आने लगती है.
पेट से जुड़ी बीमारी होने का संकेत Sour Burping
आज के समय में खान-पान और खराब जीवनशैली की वजह से खट्टी डकार आना आम परेशानी बन चुका है, लेकिन ज्यादा समय तक परेशानी बने रहने से पेट से जुड़ी बीमारी होने का संकेत मिलता है. खट्टी डकार तब आती है जब पेट में अम्ल ज्यादा बनने लगता है और वह अम्ल ग्रास नली की तरफ बढ़ने लगता है. इस स्थिति में खट्टी डकार आना, हार्टबर्न की परेशानी होना, और कभी-कभी सीने में दर्द होने की समस्या होने लगती है. यह सिर्फ एक असहज लक्षण नहीं, बल्कि पाचन तंत्र के भीतर चल रही गड़बड़ी का संकेत भी हो सकता है. आयुर्वेद में इन परेशानियों से बचने के लिए कई घरेलू उपाय बताए गए हैं, जिससे खट्टी डकार की समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है.
मीठी सौंफ और मिश्री चूर्ण बनाकर रखें
इसके लिए मीठी सौंफ और मिश्री चूर्ण बनाकर घर में रखें. ये मिश्रण बाजार में भी आसानी से मिल जाता है लेकिन घर पर ही इसे स्वच्छता के साथ बनाएं. सौंफ में एनेथोल होता है, जो पेट के अम्ल को कम करने में मदद करता है. पेट का अम्ल कम होने पर गैस बनने और जलन महसूस होने में कमी होती है. इस मिश्रण को खाना खाने के बाद लें.
गुनगुना पानी और शहद से मिलेगा आराम
दूसरा, गुनगुना पानी और शहद लेने से भी पेट में अम्ल कम बनेगा. शहद की तासीर योगवाही होती है, मतलब जिसके साथ उसे लिया जाता है, वह उसी के गुण ले लेता है. गुनगुने पानी के साथ शहद लेने से पाचन शक्ति मजबूत होती है और गैस और हार्टबर्न जैसी परेशानी कम होती है. इसका सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए.
अजवाइन, काला नमक, और नींबू का मिश्रण भी लाभकारी
तीसरा, अजवाइन, काला नमक, और नींबू का मिश्रण भी पेट के लिए लाभकारी होता है. यह मिश्रण खाने को पचाने में अच्छे से मदद करता है, जिससे पेट में अम्ल की अत्यधिकता नहीं होती है. अम्ल उतना ही बनता है, जितना खाना पचाने के लिए आवश्यक है. इसके अलावा, पेट के अम्ल को शांत करने के लिए नारियल पानी का सेवन करना भी लाभकारी होगा. नारियल पानी प्राकृतिक तरीके से ठंडक पहुंचाता है और पाचन में भी मदद करता है.
सूखा अदरक (सोंठ) और शहद का सेवन भी देगा राहत
चौथा, सूखा अदरक (सोंठ) और शहद का सेवन भी खट्टी डकार में राहत देता है. ये मिश्रण म्यूकस परत को मजबूत करता है, जिससे पेट में बनने वाला अम्ल म्यूकस परत को नुकसान नहीं पहुंचा पाता है और जलन का अहसास कम होता है.
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