‘सप्त सुर, सेवन नेशन्स, वन मेलोडी’ कार्यक्रम में पहुंचे आचार्य लोकेश जैन, विदेश मंत्री एस. जयशंकर से की खास मुलाकात

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में ‘बिम्सटेक पारंपरिक संगीत महोत्सव’ का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें ‘सप्त सुर, सेवन नेशन्स, वन मेलोडी’ की थीम पर सात देशों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देखने को मिलीं. इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (Dr. S. Jaishankar) समेत विभिन्न देशों से आए कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए. इस मौके पर जैन धर्म के प्रतिष्ठित संत और विश्व शांति केंद्र के संस्थापक आचार्य डॉ. लोकेश जैन (Acharya Dr. Lokesh Jain) ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई.

डॉ. लोकेश जैन ने विदेश मंत्री जयशंकर से की मुलाकात

‘सप्त सुर, सेवन नेशन्स, वन मेलोडी’ कार्यक्रम के अवसर पर जैन धर्म के प्रख्यात संत आचार्य डॉ. लोकेश जैन ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से सौजन्य भेंट की. इस दौरान आचार्य लोकेश मुनि ने बताया, “विदेश मंत्रालय एवं सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा आयोजित सात देशों के सप्त सुर कार्यक्रम में आज भारत के विदेश मंत्री डॉ. जय शंकर जी से विश्व शांति केन्द्र की गतिविधियों एवं आगामी कार्यक्रमों के बारे में सार्थक चर्चा हुई. उनका सहज, सरल, सौम्य व्यक्तित्व मन को लुभाता है.”
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन इस महोत्सव के आयोजन का वादा किया था. ‘यह गर्व की बात है कि वादा समय से पहले पूरा किया गया. अपने संबोधन में डॉ. जयशंकर ने कहा कि वर्तमान समय में अनिश्चितता और जटिलता है. इस समय वैश्विक संतुलन और प्रतिनिधित्व की भावना प्रधान है. ऐसे में पारंपरिक मूल्यों और सांस्कृतिक विरासत में भविष्य को आकार देने की आत्मिक शक्ति देती है. वहीं संगीत हमारी पहचान को प्रकट करता है और देशों के बीच सेतु का कार्य भी करता है. उन्होंने आईसीसीआर के महानिदेशक के वक्तव्य को दोहराते हुए कहा कि संगीत, सभ्यता की आत्मा है और यह गहराई से विश्व को जोड़ता है.

कौन हैं Acharya Lokesh Jain ?

आचार्य डॉ. लोकेश जैन जैन धर्म के एक लोकप्रिय संत हैं, जो धर्मगुरु के साथ-साथ एक प्रखर कवि और लेखक भी हैं. उन्हें समाज सुधारक के रूप में व्यापक रूप से सम्मानित किया जाता है. आचार्य जैन ने समाज में जागरूकता बढ़ाने और विश्व में शांति कायम करने के लिए अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र की स्थापना की है. पिछले 33 वर्षों से वे राष्ट्रीय चरित्र निर्माण, मानवीय मूल्यों के विकास, तथा भारतीय समाज में अहिंसा, शांति और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से कार्यरत हैं.
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