Kolkata: कोलकाता में शनिवार को फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है. ट्रेलर रिलीज होने से पहले इस पर जमकर हंगामा हुआ. यह कार्यक्रम एक निजी होटल में रखा गया था. फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि कार्यक्रम में रुकावट डाली गई. कुछ लोग यहां आए और सभी तार काट दिए. मुझे नहीं पता किसके आदेश पर यह हो रहा है.
कुछ जगह पर विवेक के ऊपर मुकदमा भी दर्ज
डायरेक्टर विवेक और पश्चिम बंगाल की सरकार आमने- सामने आ गए थे। कुछ जगह पर विवेक के ऊपर मुकदमा भी दर्ज हुआ है. इसके बावजूद फिल्म का ट्रेलर आ गया है. 3 मिनट 32 सेकंड के इस ट्रेलर की शुरुआत में एक लाइन आती है. ‘ये भारत नहीं बंगाल है, यहां दो सविंधान चलते हैं..’ इसके बाद खून खराबा होता दिखता है.
1946 में बंगाल में हुए दंगों को भी दिखाया
इस ट्रेलर में गांधी और जिन्ना का भी जिक्र है. ट्रेलर के आखिर में डायलॉग बोला जाता है कि, ‘क्या हम आज़ाद हैं..’इसमें 1946 में बंगाल में हुए दंगों को दिखाया गया है. विवेक रंजन अग्निहोत्री ने ‘द बंगाल फाइल्स’ को लिखा और डायरेक्ट किया है जबकि, अभिषेक अग्रवाल और पल्लवी जोशी ने प्रोडक्शन की कमान संभाली है. फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, अनुपम खेर और दर्शन कुमार जैसे दमदार कलाकार हैं.
5 सितंबर 2025 को थिएटर्स में दस्तक देगी ये फिल्म
ये फिल्म तेज नारायण अग्रवाल और आई एम बुद्धा द्वारा प्रस्तुत और विवेक की फाइल्स ट्रिलॉजी का हिस्सा है, जिसमें पहले ही द कश्मीर फाइल्स और द ताशकंद फाइल्स जैसे चर्चित प्रोजेक्ट शामिल हैं. फिल्म 5 सितंबर 2025 को थिएटर्स में दस्तक देगी. विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि अगर यह तानाशाही या फासीवाद नहीं है तो और क्या है? राज्य में कानून- व्यवस्था फेल हो चुकी है.
मुझे नहीं पता किसके आदेश पर यह हो रहा है
इसी वजह से लोग ‘द बंगाल फाइल्स’ को सपोर्ट कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी मुझे पता चला है कि कुछ लोग यहां आए और सभी तार काट दिए. मुझे नहीं पता किसके आदेश पर यह हो रहा है. आप जानते हैं हमारे पीछे कौन लोग हैं. सभी टेस्ट और ट्रायल के बाद यह कार्यक्रम हो रहा था. होटल मैनेजर्स भी हमें नहीं बता पा रहे कि हमें क्यों रोका गया.
क्या इस राज्य में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है?
विवेक अग्निहोत्री की पत्नी पल्लवी ने बताया कि मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा कि मेरी फिल्म को रोका गया. क्या इस राज्य में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है. हम फिल्ममेकर और एक्टर होकर भी अपनी बनाई चीजें नहीं दिखा पा रहे. आखिर उन्हें किस बात का डर है? पल्लवी ने आगे कहा ऐसी स्थिति तो कश्मीर में भी नहीं हुई। क्या यह मानें कि कश्मीर की हालत बंगाल से बेहतर है?
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