Delhi: बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. इसी बीच चुनाव आयोग ने कहा है कि, किसी भी पात्र मतदाता का नाम सूची से नहीं हटाया जाएगा. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर, इसमें मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से बाहर करने के आरोपों को खारिज कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा था जवाब
बताते चलें कि, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिसमें चुनाव आयोग पर आरोप लगा था कि, एसआईआर के दौरान राज्य की मतदाता सूची से 65 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए हैं. इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा था. आयोग ने जवाबी हलफनामे दिया है.
मतदाता का नाम हटाने की प्रक्रिया नियमों के तहत की जाएगी
हलफनामे में बताया कि, एक अगस्त 2025 को प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची से किसी भी मतदाता का नाम हटाने की प्रक्रिया नियमों के तहत की जाएगी. साथ ही मतदाता को नाम हटाने के प्रस्ताव और उसके कारण के बारे में सबसे पहले बताया जाएगा. हर मतदाता को सुनवाई का उचित मौका, प्रासंगिक दस्तावेज देने का अवसर और तर्क संगत आदेश दिया जाएगा.
सभी नामों का किया जा चुका है डिजिटलीकरण
आयोग ने ये भी कहा है कि, विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का पहला चरण पूरा हो चुका है. पहले चरण में करीब 7.24 करोड़ मतदाताओं ने दस्तावेजों के साथ अपने गणना फॉर्म जमा किए हैं और इन सभी के नाम पुनरीक्षित मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे. इन सभी नामों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है. छूटे मतदाताओं की सूची समय- समय पर राजनीतिक दलों को दी जाएगी.