Deputy CM : डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि ‘बाबा साहब अंबेडकर ने श्री राम को पहले पृष्ठ पर स्थान दिया क्योंकि वह मर्यादा पुरुषोत्तम राम थे. उनका कहना है कि जिस तरह उत्तर प्रदेश में प्रभु श्री राम स्थापित हुए, ठीक उसी प्रकार बिहार में भी मां सीता का जन्म स्थान है, वहां पर सरकार भव्य सीता मंदिर बनाने का काम करेगी.’
इस स्थान पर हुआ माता सीता का हुआ जन्म
उनका मानना है कि हिंदू धर्मग्रंथों और परंपराओं के अनुसार, माता सीता का जन्म बिहार के सीतामढ़ी जिले में हुआ था. इसलिए इसे मिथिला क्षेत्र के हिस्से के रूप में जाना जाता है, जोकि प्राचीन काल में मिथिला नरेश जनक की राजधानी थी. उन्होंने कहा कि रामायण के अनुसार, राजा जनक ने माता सीता को हल चलाते समय पृथ्वी से एक घड़े में प्राप्त किया था, इसलिए उन्हें अयोनिजा (गैर-योनि से उत्पन्न) और पृथ्वी की पुत्री कहा जाता है.
माता सीता को पवित्रता और नारी शक्ति का प्रतीक माना जाता है
ऐसे में सीतामढ़ी स्थल को आज भी एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, बता दें कि इस तीर्थस्थल पर हर साल लाखों श्रद्धालु माता सीता के दर्शन के लिए आते हैं. इस दौरान माता सीता हिंदू धर्म में एक प्रमुख पात्र हैं, जोकि रामायण महाकाव्य की नायिका और भगवान राम की पत्नी हैं. धार्मिकों के अनुसार उन्हें पवित्रता, भक्ति, धैर्य और नारी शक्ति का प्रतीक माना जाता है.
सरकार जनता का ध्यान अपनी ओर कर रही आकर्षित
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अक्टूबर या नवंबर में होने की संभावना है. इस दौरान भारत निर्वाचन आयोग ने अभी तक आधिकारिक तारीखों की घोषणा नहीं की है, लोगों के अनुमान लगाया जा रहा है कि चुनाव इन महीनों में होंगे, क्योंकि वर्तमान बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है.
ऐसे में लोगों ने ये भी कहा है कि सीता के मंदिर को बनाने की योजना लाकर सरकार जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है. बता दें कि इस मुद्दे को लेकर विपक्ष उसे घेर सकता है कि अभी तक इस योजना को सामने क्यों नहीं लाया गया.
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