अब आप भी नवाबों और महाराजा की तरह कर सकेंगे शाही शादी, UP के इन 9 महलों की बदलेगी तस्वीर

UP Heritage: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है. अब हेरिटेज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार पुरानी हवेलियों और महलों को हेरिटेज होटल के रूप में विकसित किया जाएगा. यहां आप गंतव्य विवाह यानी डेस्टिनेशन वेडिंग (Destination Wedding) कर सकेंगे. इसमें निजी क्षेत्र की कंपनी निवेश कर विरासत संपत्तियों को मूल गौरव के साथ पुनर्स्थापित करेंगी. अगर ऐसा हुआ, तो सरकार की इस पहल के पर्यटन के साथ ही क्षेत्रीय युवाओं के लिए रोजगार बढ़ेगा.

यूपी पर्यटन विभाग इन जगहों को करेगा विकसित
आपको बता दें कि यूपी पर्यटन विभाग (Tourism Department) की झांसी का बरुआ सागर किला, लखनऊ की छतर मंजिल, कोठी गुलिस्ता, कोठी दर्शन विलास और कोठी रोशन, मिर्जापुर का चुनार का किला, मथुरा का बरसाना जल महल, बिठूर के टिकैत राय बारादरी और कानपुर का शुक्ला तालाब को डेवलप कर हेरिटेज होटल का रूप दिया जाएगा. इसके लिए सरकार ने न्यूनतम निवेश राशि भी तय की है. बता दें कि इसके तहत न्यूनतम निवेश राशि 180 करोड़ रुपये तय की गई है.

इन जगहों पर बढ़ेगी टूरिज्म इंडस्ट्री
जानकारी के मुताबिक यूपी पर्यटन विभाग इन विरासत संपत्तियों में टूरिज्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने जा रहा है. इसके तहत यहां रिजॉर्ट, म्यूजियम, वेलनेस सेंटर, हेरिटेज होटल, माइस एक्टिविटी सेंटर, हेरिटेज रेस्टोरेंट, बुटिक रेस्टोरेंट, बैंक्वेट हॉल, वेडिंग टूरिज्म, थीमैटिक पार्क, एडवेंचर टूरिज्म, होम स्टे के अलावा हॉस्पिटैलिटी यूनिट तैयार किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक योजना में टूरिज्म इंडस्ट्री के प्रमुख संस्थानों ने आगे बढ़कर रुचि भी दिखाई है.

देश के इन राज्यों में विरासत भवनों का अध्ययन
आपको बता दें कि पर्यटन विभाग ने देश के 5 राज्यों के विरासत भवनों का अध्ययन किया है. इसमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक, केरल और राजस्थान के विरासत भवन शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक बीते दिनों हेरिटेज उद्यमियों ने पर्यटन विभाग के आलाधिकारियों से मुलाकात कर यूपी के विरासत भवनों के विकास प्रोजेक्ट में अपनी रुचि दिखाई है.

क्वालिटी एंड कॉस्ट बेस्ड सेलेक्शन) के आधार पर चयन
दरअसल, परियोजना के तहत क्वालिटी एंड कॉस्ट बेस्ड सेलेक्शन यानी लागत प्रणाली के आधार में संस्था का चयन गुणवत्ता और के आधार पर किया जाएगा. बता दें कि सीएसआर के अंतर्गत चयनित संस्था, पास के गांव का भी विकास करेगी. अगर ऐसा हुआ, तो 25 फीसदी स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाएगा.

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