MiG-29 Fighter Jets: भारत ने श्रीनगर में तैनात किए मिग-29 लड़ाकू विमान, घाटी में पहुंचे गरुड कमांडोज

MiG-29 Deployed In Kashmir: भारत ने रक्षा क्षेत्र में अपनी तैयारियां नेक्स्ट लेवल पर पहुंचा दी हैं. इसके तहत श्रीनगर में अपग्रेडेड मिग-29 (MiG-29) लड़ाकू विमान तैनात किए गए हैं. इसके अलावा घाटी में गरुड कमांडोज की मुस्तैद हैं. बता दें कि राजस्थान से लगे पाकिस्तान बार्डर पर भी भारतीय सेना (Indian Army) ने पराक्रम और भारत की ताकत का ट्रेलर नजर आया. घाटी में भारतीय वायुसेना (IAF) के गरुण कमांडो आतंक की कमर तोड़ने के लिए तैयार हैं. आपको बता दें कि भारतीय सेना ने दो दिवसीय युद्धाभ्यास किया. इस दौरान सेना ने अपना अदम्य पराक्रम दिखाया.

कश्मीर घाटी में मिग-29 तैनात
दरअसल, भारत सेना की इन तस्वीरों को चीन से लेकर पाक तक सबने देखी. भारतीय एयर फोर्स के मिग-29 का नाम से ही दुश्मन के दिलों की धड़कनें बढ़ जाती है. ये लड़ाकू विमान को कश्मीर घाटी में वायुसेना के एयरबेस पर तैनात किए गए हैं. इन विमानों को मिग-21 विमानों की जगह तैनात किया गया है, जिन्होंने बालाकोट के बाद पाकिस्तान के सबसे आधुनिक एफ16 लड़ाकू विमानों को छक्के छुड़ा दिए थे.

क्यों जरूरी थी घाटी में मिग-29 की तैनाती
आपको बता दें कि श्रीनगर में मिग-29 की तैनाती इसलिए जरूरी थी क्योंकि श्रीनगर में तैनाती के बाद मिग हर खतरे से निपटने के लिए घाटी में गेमचेंजर साबित होगा. मिग-29 का ​रिस्पॉन्स टाइम कम है. सिर्फ 6 मिनट में हमले को तैयार रहता है. वेट-टू-थ्रस्ट रेश्यो काफी अच्छा है. लंबी दूरी की मिसाइलों से लैस है. दुश्मन एयरक्राफ्ट को जाम करने की क्षमता है. रात में नाइट विजन चश्मे के साथ काम कर सकता है. आसमान में दूसरे एयरक्राफ्ट से फ्यूल लेने में सक्षम है. लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है.

घाटी के मिले नए रक्षक
अपग्रेड मिग-29 विमान कश्मीर घाटी के नए रक्षक बन गए हैं. भले ही भारतीय वायुसेना के मिग श्रेणी के अधिकतर विमान फेज आउट हो चुके हैं, लेकिन मिग 29 में बड़े बदलाव किए गए हैं. इससे उनकी युद्धक क्षमता बहुत अधिक बढ़ गई है. वहीं, घाटी में भारतीय वायुसेना के गरुण कमांडो भी मौजूद हैं. इन कमांडोज की ट्रेनिंग, निशाना, तेजी, दमखम और चपलता इन्हें दुनिया के सबसे घातक कमांडो बनाती है. ये गरुड़ कमांडो घाटी में आतंक के लिए काल बन हुए हैं. घाटी से आतंक का नामोनिशान मिटाने की मुहिम में गरुड़ कमांडो लगे हैं.

गरुड़ कमांडोज के इस दमखम को देखकर घाटी में आतंक फैलानों वालों और सीमा पार से साजिश रच रहे इनके आकाओं का दम यकीनन फूल रहा होगा. सीमा पर सेनाएं तैयार हैं और अगर आतंक के जरिए पड़ोसी मुल्क ने कोई एडवेंचर करने की कोशिश की तो गरुड़ कमांडो उनको अंजाम तक पहुंचाने को तैयार हैं तो वहीं दूसरी ओर घाटी में लोगों का जुनून भी दोहरा है. जहां ‘मेरी माटी, मेरा देश’ तिरंगा रैली में लोग बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

दरअसल, राजस्थान के जैसलमेर में लोंगेवाला और पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना का युद्धाभ्यास हुआ. राजस्थान के रेगिस्तान में स्वदेशी टैंक भी गरजे. इस युद्धाभ्यास में मशीन गन और मोर्टार तो गरजे. साथ ही डेजर्ट वॉर गेम में पैदल सेना ने भी अपना पराक्रम दिखाया. सेना की पैदल टुकड़ी ने हथियार छूटने, गोला बारूद खत्म होने और युद्ध की विपरीत स्थिति में कोई हथियार पास न होने पर भी दुश्मन का खात्मा करने का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया.

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