29 नवंबर 2025 को विकास भारती के राँची कार्यालय परिसर में “धरती आबा जनजातीय संग्रहालय” और “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष कौशल केंद्र (मखमंदरो) का उद्घाटन मुख्य अतिथि भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम व जे पी आंदोलन के प्रणेता, वरिष्ठ पत्रकार पद्म भूषण रामबहादुर राय व भारत सरकार के रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने किया. इस संग्रहालय में न केवल जनजातियों के जीवन स्तर एवं शैलियों को दर्शाया गया है, बल्कि झारखंड के शहीदों की जानकारी भी अंकित कराई गई है.
इसमें एक छत के नीचे आदिवासी संस्कृति, कला, आजीविका, आध्यात्मिकता और पर्यावरण के बीच गहरे संबंध को दर्शाया गया है. पारंपरिक संगीत के वाद्ययंत्रों को बखूबी से दिखाया गया है. आदिवासियों के अनुष्ठान, ख़ान – पान को जीवंत कलाओं से भी दिखाया गया है. इसे इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र के द्वारा निर्मित किया गया है. इस अवसर पर जनजातीय समाज के ऊपर लिखी गईं पाँच पुस्तकों का विमोचन किया गया.
इस मौक़े पर पद्मश्री बलबीर दत्त, भाजपा के वरिष्ठ राजनीतिज्ञ नागेंद्र नाथ, प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी, दैनिक भास्कर के संपादक संतोष सिंह, आईजीएनसीए के क्षेत्रीय निदेशक संजय झा, पूर्व राज्यसभा सांसद समीर ओराँव, सरला बिरला यूनिवर्सिटी के महानिदेशक डॉ. गोपाल पाठक, कुलपति डॉ. सी. जगन्नाथन, साईं नाथ यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. एस.पी. अग्रवाल सहित अन्य गणमान्य अतिथि व जनजातीय बंधु/ भगिनी उपस्थित रहें.