EC Vs Rahul Gandhi: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाया था. अब उनके इस आरोप पर आयोग ने पलटवार किया है. चुनाव आयोग ने पूरे मामले की जांच करने के लिए राहुल गांधी से हलफनामा देने की मांग की है.
राहुल गांधी के आरोप पर EC सख्त
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर राहुल गांधी को अपने विश्लेषण पर भरोसा है और वो चुनाव आयोग के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सच मानते हैं, तो उन्हें बिना किसी हिचकिचाहट के घोषणा-पत्र (डिक्लरेशन) पर हस्ताक्षर करने चाहिए. आयोग ने कहा कि अगर राहुल गांधी इस घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर नहीं करते, तो इसका सीधा अर्थ होगा कि उन्हें अपने ही विश्लेषण और उसके आधार पर लगाए गए आरोपों पर विश्वास नहीं है. ऐसे में, चुनाव आयोग के खिलाफ लगाए गए ‘बेतुके आरोपों’ के लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए.
राष्ट्र से सार्वजनिक रूप से मांफी मांगे
आयोग ने आगे कहा है कि राहुल गांधी के (EC Vs Rahul Gandhi) पास अब केवल दो विकल्प हैं, या तो घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर करके अपने आरोपों को साबित करें, या फिर बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए राष्ट्र से सार्वजनिक रूप से मांफी मांगें.
कांग्रेस सांसद ने लगाए थे ये आरोप
बीते दिन राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव आयोग पर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि आयोग भाजपा के साथ मिलकर चुनावों में हेराफेरी कर रहा है और लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है. कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि हमारे संविधान की नींव ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत पर टिकी है. इसलिए जब चुनाव होते हैं तो सबसे जरूरी सवाल यह है कि क्या सही लोगों को वोट डालने की अनुमति मिल रही है? क्या वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़े जा रहे हैं? क्या वोटर लिस्ट सटीक है?
एग्जिट पोल बार-बार गलत साबित हो जाते हैं
राहुल गांधी ने कहा कि पिछले कुछ समय से लोगों में संदेह बढ़ता जा रहा है. उन्होंने पांच मुख्य बिंदु गिनाए और कहा कि भाजपा को कभी भी एंटी-इनकंबेंसी (विरोधी लहर) का सामना नहीं करना पड़ता. भाजपा को अप्रत्याशित और बड़ी जीत मिल जाती है. ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल बार-बार गलत साबित हो जाते हैं. मीडिया द्वारा तैयार किया गया माहौल और चुनाव कार्यक्रम को सोच-समझकर ‘कोरियोग्राफ’ करना भी इन पांच बिंदुओं में शामिल हैं.