Hemkund Sahib: उत्तराखंड के चमोली में स्थित सिख तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए नए नियम लागू किए गए हैं. श्रीनगर और जोशीमठ में हाल ही में हुई घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने धारदार हथियारों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. यह फैसला खासतौर से सिख समुदाय की परंपराओं से जुड़े तलवार, भाले और कृपाण जैसे हथियारों को लेकर लिया गया है.
जानें नया नियम
अब से इन हथियारों को बिना धार के ही उत्तराखंड राज्य की सीमाओं में लाया जा सकेगा. गढ़वाल के आईजी ने कहा कि हर साल हजारों सिख श्रद्धालु हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए उत्तराखंड आते हैं. उनके लिए शस्त्र न केवल परंपरा का हिस्सा है, बल्कि आस्था और पहचान का प्रतीक भी है. हालांकि, श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के साथ सुरक्षा संबंधी खतरा भी बढ़ रहे हैं.
बिना धार वाले हथियारों की इजाजत
पुलिस ने साफ कहा है कि यात्री केवल प्रतीकात्मक और बिना धार वाले हथियार ही यात्रा में ले जा सकते हैं. रेंज के सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को सीमाओं पर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नियमों का पालन हो.
सबसे ऊंचे गुरुद्वारों में से एक
हेमकुंड साहिब सबसे ऊंचे गुरुद्वारों में से एक हैं. यह समुद्र तल से लगभग 4,329 मीटर यानी 14,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. हेमकुंड साहिब के कपाट हर साल मई के अंत या जून के पहले सप्ताह में खुलते हैं. कपाट अक्टूबर की शुरुआत तक ही खुले रहते हैं. इस साल हेमकुंड साहिब यात्रा 25 मई से शुरू हो चुकी है और यह 10 अक्टूबर 2025 तक चलेगी. सर्दियों में भारी बर्फबारी के वजह से यह मार्ग पूरी तरह बंद रहता है.
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