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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत ने मंगलवार को ऊर्जा सुरक्षा को वर्तमान की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बताते हुए आर्थिक स्थिरता, सस्टेनेबिलिटी और वैश्विक स्तर पर ऊर्जा संसाधनों तक समान पहुंच को बढ़ावा देने के लिए ब्रिक्स सहयोग को मजबूत करने की जरूरत पर बल दिया. केंद्रीय ऊर्जा और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने ब्राजीलिया में आयोजित ब्रिक्स एनर्जी मिनिस्टर्स (BRICS Energy Ministers) की बैठक में एक सस्टेनेबल और इंक्लूसिव एनर्जी भविष्य के निर्माण के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि की.
उन्होंने स्ट्रेंथनिंग ग्लोबल साउथ को-ऑपरेशन फॉर मोर इंक्लूसिव एंड सस्टेनेबल गवर्नेंस थीम के तहत ब्राजील के नेतृत्व की सराहना की. खट्टर ने वैश्विक विकास लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में ऊर्जा सुरक्षा, पहुंच और सामर्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया. उनहोंने भारत की तीव्र प्रगति को पिछले एक दशक में बिजली क्षमता में 90% की वृद्धि, 2025 में 475 गीगावाट और 2032 तक 900 गीगावाट का लक्ष्य रखना, सौर और पवन ऊर्जा का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक बनना जैसे बिंदुओं के साथ दर्शाया.
भारत राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) प्राप्त करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, साथ ही 20% इथेनॉल मिश्रण मील का पत्थर हासिल कर रहा है, जिससे जैव ईंधन अपनाने और उत्सर्जन में कमी को बढ़ावा मिलेगा. केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि देश स्मार्ट ग्रिड, एडवांस मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर सहित विस्तारित ट्रांसमिशन नेटवर्क में निवेश कर रहा है. भारत ने ग्रीन हाइड्रोजन और परमाणु ऊर्जा के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिसमें 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु क्षमता का लक्ष्य शामिल है.
मनोहर लाल ने जैव ईंधन क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने में ग्लोबल बायोफ्यूल्स अलायंस की भूमिका पर भी जोर दिया. उन्होंने एनर्जी कंजर्वेशन सस्टेनेबल बिल्डिंग्स कोड, छत पर सौर पहल और कुशल उपकरण मानकों जैसे इनोवेटिव कार्यक्रमों के माध्यम से ऊर्जा दक्षता के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया. उन्होंने ग्लोबल एनर्जी मिक्स में जीवाश्म ईंधन की विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया. केंद्रीय मंत्री ने ब्रिक्स देशों को भारत में 2026 में होने वाले अगले ब्रिक्स ऊर्जा सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया.