Jagdeep Dhankhar : पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इस्तीफा देने के लिए अचानक राष्ट्रपति भवन पहुंच गए थे. इस बात को लेकर उन्होंने किसी को कोई सूचना नहीं दी. ऐसे में धनखड़ के अचानक राष्ट्रपति भवन पहुंचने पर वहां सब हैरान हो गए और खलबली मच गई थी. जानकारी के मुताबिक, संसद के मॉनसून सत्र की शुरूआत में ही उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर दी थी. इस दौरान उनके इस्तीफे को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बता दें कि किसी को भी राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए पहले से अपॉइंटमेंट लेना होता है. इसके साथ ही मुलाकात से पहले आधिकारिक तौर पर सूचना देनी होती है, लेकिन धनखड़ ने ऐसा कुछ नहीं किया और अचानक रात करीब 9 बजे राष्ट्रपति भवन पहुंच गए. आमतौर पर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की मुलाकात का समय पहले से ही तय होता है और इसकी जानकारी स्टाफ को भी होती है.
धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से की मुलाकात
प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए धनखड़ अचानक राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और संविधान के मुताबिक उन्हें इस्तीफा सौंप दिया. ऐसे में उनके इस्तीफा देने के बाद करीब रात 9.25 बजे जनता को बता दिया गया कि उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दे दिया है.
धनखड़ को लेकर चिदंबरम का बयान
इस मामले को लेकर मीडिया से बातचीत करते हुए चिदंबरम ने कहा कि धनखड़ ने अपनी सीमा को पार कर लिया था. इस दौरान सरकार का उन पर से भरोसा उठ गया था. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि धनखड़ को इस्तीफा देना पड़ रहा है.
15 महीने बाद एन्क्लेव को छोड़ेंगे धनखड़
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल अप्रैल में धनखड़ संसद भवन परिसर के पास चर्च रोड पर उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में शिप्ट हो गए थे. बता दें कि उपराष्ट्रपति के आवास और कार्यालय वाले एन्क्लेव का निर्माण सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत किया गया था. इस दौरान धनखड़ को लगभग 15 महीने उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में रहने के बाद उसे छोड़ना होगा.
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