Kolkata: गृह मंत्री Amit Shah ने केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का किया उद्घाटन, जानिए क्‍या कहा ?

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कोलकाता में केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (Central Forensic Science Laboratory) का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि CFSL का निर्माण 88 करोड़ की लागत से हुआ है, जिससे कई राज्यों को साक्ष्य आधारित आपराधिक न्याय प्रणाली विकसित करने में मदद मिलेगी. उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए अमित शाह ने आगे कहा, 88 करोड़ की लागत से भवन का निर्माण हुआ है परंतु इस CFSL के माध्यम से पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, ओडिशा, असम, सिक्किम और उत्तर पूर्व के सभी राज्यों को साक्ष्य आधारित आपराधिक न्याय प्रणाली विकसित करने में समग्र दृष्टिकोण की भूमिका का निर्वहन करने में मदद मिलेगी.”
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, मोदी सरकार जो सुरक्षित, पारदर्शी और एविडेंस बेस्ड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के निर्माण में लगी है, उसमें आज एक और कड़ी केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL), कोलकाता जुड़ने जा रही है. भारत सरकार ने समग्र देश के अंदर CFSL का जाला बुन तीन-तीन, चार-चार राज्यों के क्लस्टर बना कर, उन राज्यों के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को एविडेंस बेस्ड बनाने का एक उपक्रम प्रारंभ किया है.

पीड़ितों को जल्दी मिल सकेगा न्याय

अमित शाह ने कहा, मोदी सरकार पूरे देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को तर्क की जगह एविडेंस बेस्ड बनाएगी. जिससे संदेह की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी और शक का लाभ दोषियों को नहीं मिल पायेगा, इससे पीड़ितों को जल्दी न्याय मिल सकेगा. प्रत्येक थाने के जांच अधिकारी, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और कोर्ट को इसके महत्व से अवगत कराने के लिए एक व्यापक जागरूकता एवं प्रशिक्षण अभियान जनवरी 2026 तक प्रारंभ किया जाएगा.

हमारा क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम नए युग में कर रहा प्रवेश

उनहोंने आगे कहा, हमारा क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम आज एक नए युग में प्रवेश कर रहा है. डीएनए फॉरेंसिक के माध्यम से 20-20 साल पुराने केसों में सजा होने की शुरुआत हुई है. फॉरेंसिक ऑडिट से बड़े-बड़े आर्थिक घोटाले भी सामने आने लगे हैं. मोबाइल फॉरेंसिक के जरिए अपराधी की लोकेशन, कॉल डिटेल्स, चैट और ऐप यूसेज तक ट्रेस हो रहे हैं. साइकोलॉजिकल प्रोफाइलिंग अब सीरियल अपराधियों को पकड़ने का एक अत्यंत उपयोगी उपकरण बन चुका है.

मोदी सरकार द्वारा सभी राज्यों को दी जा रही सहायता

श्रीशाह ने कहा, देश के हर जिले में मोबाइल फॉरेंसिक वैन उपलब्ध हो, इसके लिए मोदी सरकार द्वारा सभी राज्यों को सहायता दी जा रही है. तीन नए कानून 2024 में आये, लेकिन मोदी सरकार ने दूरदर्शिता के साथ 2020 में ही नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) की स्थापना की. देशभर में इसके 16 परिसर स्वीकृत हो चुके हैं, जिसमे से 8 शुरू हो गए हैं और बाकी के 8 जल्द ही शुरू होंगे.
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