Jagannath Rath Yatra: आज 27 जून से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू हो गई है. शाम 4 बजे भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर गुंडीचा मंदिर के लिए निकल जाएंगे. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी.
पीएम मोदी ने दी बधाई
पीएम मोदी ने कहा, “भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी ढेरों शुभकामनाएं. श्रद्धा और भक्ति का यह पावन उत्सव हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए, यही कामना है. जय जगन्नाथ!” प्रधानमंत्री ने बधाई संदेश के अलावा अपने पोस्ट के साथ एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें वो भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के बारे में बता रहे हैं. वीडियो संदेश में कहा गया, “महाप्रभु हमारे लिए अराध्य भी हैं, प्रेरणा भी हैं. जगन्नाथ हैं, तो जीवन है. भगवान जगन्नाथ जनता जनार्दन को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण के लिए जा रहे हैं.”
रथयात्रा की खूबियों के बारे में बताया
इसके अलावा, प्रधानमंत्री आगे वीडियो में रथयात्रा की खूबियों के बारे में भी बताते हैं. कहते हैं कि रथयात्रा की पूरी दुनिया में एक विशिष्ट पहचान है. देश के अलग-अलग राज्यों में बहुत-बहुत धूमधाम से रथयात्रा निकाली जा रही है. ओडिशा के पुरी में निकाली जा रही रथयात्रा अपने आप में अद्भुत है. प्रधानमंत्री वीडियो में कहते हैं कि इन रथ यात्राओं में जिस तरह से हर वर्ग, हर समाज के लोग उमड़ते हैं, वो अपने आप में बहुत अनुकरणीय है. यह आस्था के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत का भी प्रतिबिंब है. इस पावन अवसर पर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई.
Greetings on the start of the sacred Rath Yatra. We bow to Mahaprabhu Jagannath and pray that His blessings constantly remain upon us. pic.twitter.com/lMI170gQV2
— Narendra Modi (@narendramodi) July 7, 2024
आषाढ़ी बीज की दी शुभकामनाएं
साथ ही, प्रधानमंत्री ने अपने एक अन्य पोस्ट में आषाढ़ी बीज के विशेष अवसर पर दुनियाभर के कच्छी समुदाय के लोगों को भी शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा, “आषाढ़ी बीज के विशेष अवसर पर, विशेष रूप से दुनिया भर के कच्छी समुदाय को शुभकामनाएं. आने वाला वर्ष सभी के लिए शांति, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए.”
12 दिनों तक चलेगी यात्रा
बता दें कि देशभर में प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) निकाली जाती है. वहीं, ओडिशा के पुरी की यात्रा सबसे बड़ी होती है. ओडिशा के पुरी से शुरू हुई यह जगन्नाथ यात्रा गुंडिचा मंदिर तक जाएगी. यह यात्रा 12 दिनों तक चलेगी. इसका समापन 15 जुलाई को नीलाद्रि विजय के साथ होगा, जब भगवान अपने मूल मंदिर लौटेंगे. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान जगन्नाथ साल में एक बार अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाते हैं. इस यात्रा की तैयारी महीनों पहले शुरू हो जाती है. इस यात्रा के दौरान कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं.