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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में पिछले 11 वर्षों में देश में विज्ञान, शिक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़े बदलाव हुए हैं. उक्त बातें IIT मद्रास के निदेशक डॉ. वी. कामकोटि ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात चीत के दौरान कहीं.
कामकोटि ने पिछले 11 वर्षों को बताया स्वर्णिम
कामकोटि ने पिछले 11 वर्षों को स्वर्णिम बताया. इस दौरान स्वच्छता मिशन से लेकर कोविड वैक्सीन, स्टार्टअप और उभरती टेक्नोलॉजी के उचित उपयोग तक कई सफल राष्ट्रव्यापी मिशन हुए.
भारत को कोविड-19 के दौरान सबसे बड़ी चुनौती का करना पड़ा सामना !
उन्होंने कहा, भारत को कोविड-19 महामारी के दौरान टीके विकसित करने की सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा, हमने न केवल दो आत्मनिर्भर टीके विकसित किए, बल्कि उन्हें कई देशों को दान भी किया. यह पीएम मोदी के बहुत ही सक्षम मार्गदर्शन और नेतृत्व में हुआ.
सरकार ने उभरती टेक्नोलॉजी को भी दिया बढ़ावा
उन्होंने यह भी बताया कि कैसे केंद्रीय बजट ने सतत शहरों, कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए उत्कृष्टता केंद्रों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया. सरकार ने मानव क्षमता विकसित करने और राष्ट्र के विकास में एआई और अन्य उभरती टेक्नोलॉजी को भी बढ़ावा दिया.
उन्होंने आगे कहा, महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में कई राष्ट्रीय मिशनों ने इन 11 वर्षों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. साइबर भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन, राष्ट्रीय क्वांटम मिशन और राष्ट्रीय सेमीकंडक्टर मिशन तीन महत्वपूर्ण मिशन हैं, जिन्होंने महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञता विकसित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
डॉ. वी. कामकोटि ने कहा कि ये मिशन न केवल शोध पर केंद्रित हैं, बल्कि हमारे देश के युवाओं में अच्छी उद्यमशीलता और नवाचार कौशल विकसित करने पर भी केंद्रित हैं. इसके अलावा, निदेशक ने यह भी उल्लेख किया कि पिछले 11 वर्षों में स्टार्टअप्स को कैसे बढ़ावा मिला.