Operation Sindoor: संसद का मानसून सत्र में विपक्ष लगातार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग कर रही है, जिसपर अगले हफ्ते मंगलवार को सदन में चर्चा का फैसला लिया गया है. इस दौरान संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे चर्चा होगी. वहीं, इस मंगलवार को पीएम मोदी की अनुपस्थिति की वजह से पहलगाम हमले पर चर्चा नहीं हो सकीं, जिसे लेकर विपक्ष का कहना है कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक को बार-बार रद्द करना ठीक नहीं है.
वहीं, गुरुवार को सदन की बैठक के दौरान कई निर्वतमान सांसदों को विदाई दी जाएगी. कुछ विपक्षी सांसदों ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को भी सदन में विदाई देने की चर्चा की मांग की, जिसे सत्ता पक्ष ने स्वीकार नहीं किया.
पीएम मोदी से इन मुद्दों पर जवाब चाहता है विपक्ष
दरअसल, विपक्षी ‘इंडी अलायंस’ के घटक दल ने मंगलवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान पीएम मोदी की सदन में उपस्थिति के लिए सरकार पर दबाव बनाने का फैसला किया. विपक्ष का कहना है कि प्रधानमंत्री पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और कुछ अन्य प्रमुख मुद्दों पर सवालों का जवाब दें.
मानसून सत्र के तीन दिन रहे हंगामेदार
बता दें कि मानसून सत्र को शुरू हुए तीन दिन हो चुके है, ये तीनों दिन काफी हंगामेदार रहें है. सत्र के पहले दिन जहां विपक्षी दलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा कराए जाने की मांग की, तो वहीं दूसरे और तीसरे दिन बिहार में मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाए जाने की कवायद पर हमलावर रहा. वहीं, मंगलवार को बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों में अंदर और बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, द्रमुक और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग की.
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