PM Modi in US: क्या आपको पता है कितना नायाब है Green Diamond, जिसे PM ने Jill Biden को दिया गिफ्ट

Must Read

PM Modi Gifted Green Diamond: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिन के अमेरिकी दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान तोहफों का आदान-प्रदान हुआ. इस दौरान पीएम ने अमेरिका की फर्स्ट लेडी को कश्मीर के बेहद खूबसूरत पेपरमेशी के छोटे से बॉक्स में 7.5 कैरेट का ग्रीन डायमंड उपहार में दिया. इस हीरे की खास बात ये है कि इसे इको-फ्रेंडली लैब में तैयार किया गया है. आइए बताते हैं ये क्यों है खास.

यह भी पढ़ें- अब भारत बनाएगा Tejas Mark I विमान को पॉवर देने वाला हाइटेक इंजन, भारी भरकम मिसाइल ले जाने में होगी आसानी

आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति, जो बाइडेन और जिल बाइडेन ने पीएम मोदी को डिनर पर बुलाया था. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों को लेकर बातचीत हुई. उनके बीच तोहफों का आदान-प्रदान भी हुआ.

इसको लेकर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट किया. ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा- ‘भारत का हीरा’… प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर के शानदार पेपरमेशी बॉक्स में रखे इस खूबसूरत इको फ्रेंडली हरे हीरे को अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन को तोहफे में दिया.’

जानिए कैसे बनाता है ये इको फ्रेंडली हीरा
आपको बता दें कि ये हीरा इको फ्रेंडली है. इसके बनने में सोलर और विंड एनर्जी का प्रयोग किया गया है. बता दें कि ग्रीन डायमंड को अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके सटीकता और देखभाल के साथ गढ़ा गया है. दरअसल, ये प्रति कैरेट केवल 0.028 ग्राम कार्बन निकालता है. ये जेमोलॉजिकल लैब, आईजीआई (इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट से सर्टिफाइड है. भारत देश की लैब में बने हीरे (LGD) की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दे रहा है. इसके लिए सरकार ने पिछले आम बजट में ऐलान भी किया था.

जानिए कितनी लागत से लैब-विकसित करने की हो रही डायमंड
आईआईटी मद्रास में 5 साल में 242.96 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ लैब-विकसित डायमंड के लिए एक इंडिया सेंटर बनाने का प्रस्ताव है. लैब में बने हीरे की मैन्युफैक्चरिंग दो टेक्नोलॉजी से की जाती है. इसमें हाई प्रेशन, हाई टेंपरेचर और कैमिकल वेपर डेपोजिशन शामिल है. भारत सीवीडी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके इन हीरों की मैन्युफैक्चरिंग करने वाले अहम उत्पादकों में से एक है.

इंडिया सेंटर बनाने का है प्रस्ताव
आपको बता दें कि सरकार ने एलजीडी बीजों पर कस्टम ड्यूटी को 5 प्रतिशत से हटाने की घोषणा की थी. वहीं, एलजीडी मशीनरी, बीज और नुस्खा के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास को 5 साल के रिसर्च ग्रांट को भी मंजूरी दी गई थी.

Latest News

पीएम मोदी के PRAGATI प्लेटफॉर्म पर वर्ल्ड फेमस ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की महत्वपूर्ण स्टडी, जानिए विकास परियोजनाओं को कैसे मिली रफ्तार

PM Modi led PRAGATI In India: इंग्लैंड के सबसे पुराने विश्वविद्यालय ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और गेट्स फाउंडेशन ने भारत के...

More Articles Like This