PM मोदी देश में आरएंडडी इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए लॉन्च करेंगे लाख करोड़ रुपए की स्कीम

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

देश में रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज, 03 नवंबर को एक लाख करोड़ रुपए की रिसर्च डेवलपमेंट एंड इनोवेशन (RDI) स्कीम को लॉन्च करेंगे. इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी में स्थित भारत मंडपम में प्रधानमंत्री मोदी इमर्जिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC) 2025 का उद्घाटन और लोगों को संबोधित करेंगे. आरडीआई स्कीम (RDI Scheme) का उद्देश्य देश में निजी क्षेत्र द्वारा संचालित रिसर्च और डेवलपमेंट इकोसिस्टम को बढ़ावा देना है.

विचार-विमर्श प्रमुख विषयगत क्षेत्रों पर केंद्रित

ईएसटीआईसी 2025 कॉन्क्लेव 3-5 नवंबर के बीच आयोजित किया जाएगा. इसमें शिक्षा जगत, रिसर्च इंस्टीट्यूट, इंडस्ट्री और सरकार के साथ-साथ नोबेल पुरस्कार विजेता, साइंटिस्ट, इनोवेटर्स और नीति निर्माता शामिल होंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान के अनुसार, विचार-विमर्श 11 प्रमुख विषयगत क्षेत्रों पर केंद्रित होगा, जिनमें एडवांस मटेरियल्स और मैन्युफैक्चरिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बायो-मैन्युफैक्चरिंग, ब्लू इकोनॉमी, डिजिटल कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, उभरती हुई कृषि टेक्नोलॉजी, एनर्जी, पर्यावरण और जलवायु, स्वास्थ्य और चिकित्सा टेक्नोलॉजी, क्वांटम साइंस और टेक्नोलॉजी और स्पेस टेक्नोलॉजी शामिल हैं.

उद्योग व हितधारकों से जुड़ने का मंच

बयान में आगे कहा गया, “ईएसटीआईसी 2025 में प्रमुख वैज्ञानिकों की पैनल चर्चाएं, प्रस्तुतियां और टेक्नोलॉजी प्रदर्शन होंगे, जो भारत के साइंस और टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए शोधकर्ताओं, उद्योग और युवा इनोवेटर्स के बीच सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करेंगे.” केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, ‘ईएसटीआईसी 2025’ युवा इनोवेटर्स, स्टार्टअप्स और रिसर्च के लिए नए समाधान प्रदर्शित करने, मार्गदर्शन प्राप्त करने और उद्योग और हितधारकों से जुड़ने का एक मंच है.

‘ईएसटीआईसी 2025’ को एक परिणाम-केंद्रित मंच के रूप में तैयार किया गया है जो शोधकर्ताओं, उद्यमियों, उद्योग और वित्त पोषण निकायों के बीच सहयोग को बढ़ावा देते हुए हितधारकों के योगदान को मजबूत करता है.

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