President Draupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को उत्तर प्रदेश के बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के 11वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मनुष्य का वनों और वन्य जीवों के साथ सह-अस्तित्व का रिश्ता है. हमारी संस्कृति ‘ईशावास्यम् इदं सर्वम्’ के जीवन मूल्य पर आधारित है, जो सभी जीवों में ईश्वर की उपस्थिति को देखती है और इसी सोच पर हमारे देवताओं और ऋषियों द्वारा पशुओं से संवाद करने की मान्यता आधारित है.
राष्ट्रपति मुर्मु ने आईवीआरआई दीक्षांत समारोह में इस बात पर जोर दिया कि वर्ततान में कई प्रजातियां या तो विलुप्त हो चुकी हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं. इन प्रजातियों का संरक्षण जैव विविधता और पृथ्वी के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. ईश्वर ने मनुष्य को जो सोचने-समझने की शक्ति दी है, उसका उपयोग सभी जीवों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए.
‘एक स्वास्थ्य’ की अवधारणा को महत्व
इस दौरान उन्होंने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ साल पहले फैले कोरोना महामारी ने मानव जाति को चेताया है कि उपभोग पर आधारित संस्कृति न केवल मानव जाति को बल्कि अन्य जीव-जंतुओं और पर्यावरण को भी अकल्पनीय क्षति पहुंचा सकती है. आज दुनिया भर में ‘एक स्वास्थ्य’ की अवधारणा को महत्व मिल रहा है. यह अवधारणा मानती है कि मनुष्य, पालतू और जंगली जानवर, वनस्पतियां और व्यापक पर्यावरण सभी एक-दूसरे पर निर्भर हैं. हमें पशु कल्याण के लिए प्रयास करना चाहिए.
पशु चिकित्सा में क्रांतिकारी बदलाव की जरूरत
राष्ट्रपति ने कहा कि एक प्रमुख पशु चिकित्सा संस्थान के रूप में आईवीआरआई इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, खासकर जूनोटिक बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण में. हालांकि अन्य क्षेत्रों की तरह प्रौद्योगिकी में पशु चिकित्सा और देखभाल में भी क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता है. प्रौद्योगिकी के उपयोग से देश भर के पशु चिकित्सालयों को सशक्त बनाया जा सकता है. जीनोम एडिटिंग, भ्रूण स्थानांतरण तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकों का उपयोग इस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने की ये अपील
इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने आईवीआरआई जैसे संस्थानों से पशुओं के लिए स्वदेशी और कम लागत वाले उपचार और पोषण खोजने की अपील की. उन्होंने कहा कि आईवीआरआई को उन दवाओं के विकल्प भी तलाशने चाहिए, जिनके दुष्प्रभाव न केवल पशुओं, बल्कि मनुष्यों और पर्यावरण को भी प्रभावित करते हैं.
राष्ट्रपति ने की छात्रों की सराहना
राष्ट्रपति मुर्मू ने आईवीआरआई के छात्रों की इस बात के लिए सराहना की कि उन्होंने बेजुबान जानवरों के इलाज और उनके कल्याण को अपना करियर चुना है. इसके साथ ही उन्होंने छात्रों को ये सलाह भी दी कि वे अपने जीवन और करियर में किसी दुविधा की स्थिति में उन जानवरों के बारे में सोचें. इससे उन्हें सही रास्ता मिलेगा. इसके अलावा, राष्ट्रपति ने छात्रों से उद्यमी बनने और पशु विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्ट-अप स्थापित करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इस प्रयास से वे न केवल जरूरतमंदों को रोजगार दे पाएंगे, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान दे पाएंगे.
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