अंबाला: बुधवार को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से लड़ाकू विमान राफेल में पहली बार उड़ान भरी. इस विमान में वह करीब बीस मिनट तक रहीं. राष्ट्रपति जिस विमान में सवार थीं, उसे ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी चला रहे थे. इससे पहले राष्ट्रपति को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर वायुसेना के जवानों द्वार गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था.

भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी एक अन्य विमान में उड़ान भरे हैं. ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी राष्ट्रपति को ले जाने वाले विमान के पायलट हैं. वह भारतीय वायु सेना की नंबर 17 स्क्वाड्रन, “गोल्डन एरो” के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) भी हैं.
राष्ट्रपति इस बीच ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े वायुवीरों को सम्मानित करेंगी. इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख अमरप्रीत सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, परिवहन मंत्री अनिल विज सहित कई रक्षा अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं.
मालूम हो कि वर्ष 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने बतौर राष्ट्रपति पुणे के लोहगांव एयरफोर्स बेस से सुखोई-30 एमकेआइ में उड़ान भरी थी. वह देश की पहली महिला राष्ट्रपति रहीं, जिन्होंने लड़ाकू विमान में उड़ान भरी.
ऑपरेशन सिंदूर में राफेल की रही भूमिका
कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था. 6-7 मई को आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी. इस ऑपरेशन में फाइटर जेट राफेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी.
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