Rath Yatra 2025: जगन्नाथ रथ यात्रा ओडिशा में हर साल आयोजित होने वाला एक प्रमुख हिंदू उत्सव है. यह त्योहार द्वितीय तिथि को मनाया जाता है, जो चंद्र मास के शुक्ल पक्ष का दूसरा दिन होता है, जिसे बढ़ती चांदनी के कारण आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. इस वर्ष जगन्नाथ जी की रथयात्रा आज, 27 जून को ओडिशा के पुरी सहित देशभर में निकाली जा रही है.
इस बीच बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के छठे और वर्तमान आध्यात्मिक गुरु महंत स्वामी महाराज ने पावन रथ यात्रा पर्व के उपलक्ष्य में प्रार्थना की. महंत स्वामी महाराज ने भक्तों के प्रति अपना प्रेम जताया और उन्हें रथ यात्रा के महत्व के बारे में समझाया.
In celebration of today’s auspicious Hindu festival of #RathYatra, His Holiness Mahant Swami Maharaj shares his personal prayers & blessings.
आज के पावन रथ यात्रा पर्व के उपलक्ष्य में परम पूज्य महंत स्वामी महाराज ने अपनी प्रार्थना और आशीर्वाद प्रेषित किए हैं।#BAPS #Akshardham pic.twitter.com/kF3H9WK0XE
— Swaminarayan Akshardham – New Delhi (@DelhiAkshardham) June 27, 2025
सफलता के लिए आध्यात्मिक जीवन जीना चाहिए
महंत स्वामी महाराज ने कामना की है कि सभी को ईश्वर की कृपा से जीवन में सफलता हासिल करने के लिए एक आध्यात्मिक जीवन जीना चाहिए. इस संदेश के जरिए उन्होंने भक्तों के दिलों को छुआ. उन्होंने सभी से ईश्वर के चिंतन में डूबे रहने, धर्म में विश्वास रखने और आपसी प्रेम से समाज की सेवा करने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा, ‘भारतीय संस्कृति में रथयात्रा के उत्सव का विशेष महत्व है. इस दिन जगन्नाथपुरी में भगवान कृष्ण, बलरामजी और सुभद्राजी की मूर्तियों को भव्य रथ में बिठाकर शोभायात्रा निकाली जाती है. इस शोभायात्रा में शामिल होने के लिए लाखों भक्तजन आते हैं. इस तरह भारतभर में अनेक स्थान पर रथयात्रा उत्सव द्वारा लोग भक्ति करते हैं.’
‘भगवान और संत के अनुसार जीवनरथ चलाएं’
महंत स्वामी महाराज ने कहा, ‘इस तरह के उत्सव द्वारा समाज में धर्म भावना की वृद्धि होती है. आपस में एकता और संवादिता का प्रसरण होता है. रथयात्रा का आध्यात्मिक मर्म ये है कि हम हमारे जीवनरथ की डोर भगवान या उनके गुणातीत संत को सौंप दें, जैसे अर्जुन ने श्रीकृष्ण भगवान को अपने रथ का सुकान दे दिया, तो उनकी जीत हुई और उनको मोक्षगति की प्राप्ति हुई. उसी तरह हम भगवान और संत की आज्ञा के अनुसार जीवनरथ चलाएंगे, तो भगवान हमारे योग और क्षेम का वहन करेंगे. रथयात्रा का ये मर्म सभी के जीवन में सिद्ध हो और सब सुखी हों ये प्रार्थना है.’
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