SIR campaign: चुनाव आयोग मंगलवार से नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में घर-घर जाकर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का कार्य शुरू करेगा. बिहार के बाद अब इन राज्यों में एसआईआर का यह दूसरा चरण है, जो 7 फरवरी 2026 को समाप्त होगा और इसी दिन इन राज्यों और केंद्रप्रशासित राज्यों की मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी.
इन राज्यों में होना है SIR
बता दें कि जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआइआर का दूसरा चरण आयोजित किया जा रहा है, उसमें कुल 51 करोड़ मतदाता शामिल है. बात करें इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के नाम की तो, इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, अंडमान और निकोबार द्वीप, लक्षद्वीप, गोवा, गुजरात, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और बंगाल शामिल हैं.
इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होंगे. वैसे तो असम में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन वहां के लिए एसआइआर की घोषणा अलग से की जाएगी क्योंकि वहां अभी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नागरिकता की जांच चल रही है.
इस दिन प्रकाशित होगा अंतिम सूची
बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 27 अक्टूबर को एसआइआर के दूसरे चरण की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि एसआइआर 4 नवंबर से गणना चरण के साथ शुरू होगा और 4 दिसंबर तक जारी रहेगा. इसी बीच नौ दिसंबर को प्रारंभिक मतदाता सूची भी जारी की जाएगी, जबकि अंतिम सूची 7 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी.
चुनाव आयोग का मानना है कि एसआइआर यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी योग्य मतदाता छूट न जाए और कोई भी अयोग्य मतदाता इस सूची में शामिल न हो. अधिकांश राज्यों में अंतिम एसआइआर 2002 से 2004 के बीच हुआ था.
क्या है SIR का मकसद?
दरअसल, एसआइआर का प्राथमिक उद्देश्य अवैध विदेशी प्रवासियों को उनके जन्म स्थान की जांच करके बाहर करना है. चुनाव आयोग का यह कदम विभिन्न राज्यों में अवैध प्रवासियों, विशेषकर बांग्लादेश और म्यांमार से आने वालों के खिलाफ कार्रवाई के मद्देनजर अहम है.
मतदाताओं की बनेगी नई सूची
चुनाव आयोग ने सोमवार को मद्रास हाई कोर्ट से कहा कि एनुअल स्पेशल समरी रिवीजन (एसएसआर) के विपरीत तमिलनाडु में शुरू हो रहे एसआइआर के बाद राज्य भर में योग्य मतदाताओं की एक पूरी नई सूची बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि एसएसआर मौजूदा चुनावी सूची को बनाए रखता है, जिसमें केवल उन लोगों को आवेदन करने की आवश्यकता होती है जो अपने नामों को शामिल करने, हटाने या सुधारने की मांग कर रहे हैं. इसके विपरीत, एसआइआर में प्रत्येक मतदाता की नए सिरे से गणना होती है यानी पहले से मतदाता सूची में शामिल लोग भी इसके दायरे में आते हैं.

