India Missile Test: ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही भारत अपनी सैन्य बल को और ताकतवर बनाने में लगा हुआ है. भारतीय सेना मिसाइल तकनीक को लेकर काफी तेजी से आगे बढ़ रही है. रक्षा के क्षेत्र में देश ने 16 और 17 जुलाई को तीन बड़े कारनामे किए हैं. महज एक ही दिन में भारत ने तीन अहम मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है. यह खबर भारत के दुश्मनों देशों की नींद उठा सकती है. आकाश प्राइम, अग्नि-1 और पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण किया गया है.
रक्षा मंत्रालय ने कहा…
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत ने पृथ्वी-2 और अग्नि-1 शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण किए हैं, दोनों ही मिसाइलों के टेस्ट फायर पूरी तरह सफल रहे. ये परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से किए गए. दोनों मिसाइल परीक्षण स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC) की निगरानी में हुए हैं.
लद्दाख में हुआ आकाश प्राइम का परीक्षण
24 घंटे में यह दूसरा महत्वपूर्ण सफल परीक्षण है. इससे पहले बुधवार को भारत ने अपने वायु रक्षा प्रणाली को बेहतर करने के मिशन में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की थी. बुधवार को भारतीय सेना ने लद्दाख सेक्टर में करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर ‘आकाश प्राइम’ वायु रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया था. यह एयर डिफेंस सिस्टम भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित किया है. इस तरह भारत ने कुल तीन सफल टेस्ट कर लिए.
अग्नि-1 और पृथ्वी-2 की क्या है खासियत
यदि अग्नि-1 की ताकत की बात करें तो यह 1200 किलोमीटर की रेंज के साथ आती है. इसकी स्पीड करीब 9 हजार किमी प्रतिघंटे की है. पृथ्वी-2 की बात करें तो यह 350 किलोमीटर तक सटीक निशाना लगाने में सक्षम है. यह लिक्विड फ्यूल पर चलती है.
भारतीय सेना को जल्द मिल जाएगी ‘आकाश प्राइम‘
‘आकाश प्राइम’ एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण थल सेना की एयर डिफेंस विंग के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ. DRDO ने ही यह एयर डिफेंस सिस्टम विकसित किया है. आकाश प्राइम सिस्टम को भारतीय सेना की तीसरी और चौथी ‘आकाश रेजिमेंट’ में शामिल किया जाएगा. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी सेना के चीनी लड़ाकू विमानों और तुर्की ड्रोन से किए गए हवाई हमलों को नाकाम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
आकाश प्राइम की खासियत
आकाश प्राइम, आकाश प्रणाली का ही अपग्रेडेड वर्जन है, जो कि भारतीय सेना की आवश्यकताओं के मद्देनजर बनाया गया है. यह 30 से 35 किमी तक के लक्ष्यों को भेद सकती है. आकाश प्राइम 18 से 20 किमी की ऊंचाई तक प्रभावी है. यह लड़ाकू विमानों और क्रूज मिसाइलों के साथ ही ड्रोन को भी मार गिरा सकती है.
ये भी पढ़ें :- सुधारों के साथ वस्तुओं का एक सार्थक उत्पादक और निर्यातक बन सकता है भारत: HSBC