Delhi NCR Pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है और हालात बेहद चिंताजनक हो चुके हैं. सोमवार सुबह नोएडा में औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 460 के पार दर्ज किया गया, जो ‘Hazardous’ यानी अत्यंत गंभीर श्रेणी में आता है. राजधानी दिल्ली का औसत AQI 453 तक पहुंच गया, जबकि कुछ क्षेत्रों में यह 600 से भी ऊपर चला गया. गाजियाबाद में AQI 510, हापुड़ में 431 और बुलंदशहर में 366 रेकॉर्ड किया गया. विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रदूषण स्तर रोजाना लगभग 10–15 सिगरेट पीने जितना नुकसान पहुँचाता है.
स्वास्थ्य पर असर
खतरनाक प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. आंखों में जलन और गले में खराश की शिकायतें बढ़ रही हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, इस स्तर का प्रदूषण फेफड़ों की क्षमता को कमजोर करता है, दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाता है और बच्चों व बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है. लंबे समय तक ऐसी विषाक्त हवा के संपर्क में रहने से अस्थमा और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियाँ बढ़ सकती हैं, और गंभीर मामलों में कैंसर का जोखिम भी बढ़ जाता है.
वर्क फ्रॉम होम की एडवाइजरी
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने निजी कंपनियों के लिए नई एडवाइजरी जारी की है. इसके अनुसार दफ्तरों को अपनी ऑन-साइट वर्कफोर्स क्षमता 50 प्रतिशत तक सीमित रखनी होगी, जबकि बाकी कर्मचारी घर से काम करेंगे. यह निर्देश एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) के आदेशों के बाद लागू किए गए हैं. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि ग्रैप-3 के तहत सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य और वायु गुणवत्ता की सुरक्षा पर विशेष जोर दे रही है.
क्यों बढ़ रहा है प्रदूषण?
- पराली जलाने का असर अब भी जारी है.
- ठंडी हवाओं की कमी और गिरते तापमान से प्रदूषक जमीन के करीब फंस रहे हैं.
- वाहनों का उत्सर्जन और निर्माण कार्य भी प्रदूषण में योगदान दे रहे हैं.
विशेषज्ञों की सलाह
- बाहर निकलने से बचें.
- यदि बाहर जाना जरूरी हो तो N95 मास्क पहनें.
- घर में HEPA फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें.
- बच्चों और बुजुर्गों को पूरी तरह घर के अंदर रखें.
कुल मिलाकर दिल्ली-एनसीआर की हवा इतनी दूषित हो चुकी है कि सामान्य रूप से सांस लेना भी चुनौतीपूर्ण हो गया है. ऐसे हालात में सरकार और विशेषज्ञ लगातार लोगों से सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियाँ अपनाने की अपील कर रहे हैं.

