New Delhi: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भगोड़े उदित खुल्लर को यूएई से प्रत्यर्पित कराया है. दरअसल, दिल्ली पुलिस को 4.55 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में वांछित उदित खुल्लर को शुक्रवार को इंटरपोल और यूएई के कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ मिलकर भारत लाया गया. इसकी जानकारी सीबीआई द्वारा दी गई है.
सीबीआई की इंटरनेशनल पुलिस कोऑपरेशन यूनिट (IPCU) ने अबू धाबी के नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (NCB) के साथ मिलकर इंटरपोल के माध्यम से उदित खुल्लर को यूएई से भारत प्रत्यर्पित करवाया.
दुबई से लगाया गया दिल्ली
जांच एजेंसी ने अपने बयान में बताया कि उदित खुल्लर को इंटरपोल के जरिए यूएई में खोजा गया और उसे दुबई से दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर वापस लाया गया. सीबीआई द्वारा एनसीबी-अबू धाबी के साथ इंटरपोल चैनलों के माध्यम से लगातार फॉलोअप के माध्यम से पहले ही यूएई में उनका पता लगा लिया गया था.”
करोड़ों रूपये की धोखधड़ी का मामला
बता दें कि उदित खुल्लर पर दिल्ली में वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप है. उसने नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके कई बैंक लोन हासिल किए. यह मामला दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने आदर्श नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया था, जिसके अनुसार उदित खुल्लर ने अपने साथियों के साथ मिलकर सरकारी और निजी बैंकों से 4.55 करोड़ रुपए के हाउसिंग लोन हासिल किए.
गिरफ्तारी से बचने के लिए छोड़ा देश
वहीं, जांच जांच में पता चला कि खुल्लर ने बैंकों को नकली प्रॉपर्टी दस्तावेज जमा किए, जिनमें उन्होंने ऐसी संपत्तियों का मालिकाना हक दिखाया जो उनकी नहीं थीं. इन जाली दस्तावेजों को गारंटी के रूप में इस्तेमाल कर उन्होंने तीन अलग-अलग होम लोन धोखे से लिए थे. वहीं, लोन मिलने के बाद उन्होंने किश्तों का भुगतान भी नहीं किया और गिरफ्तारी से बचने के लिए देश छोड़कर भाग गए.
आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों के खिलाफ भारत की सख्त कार्रवाई
ऐसे में दिल्ली पुलिस ने उदित की तलाश और उसकी वापसी के लिए सीबीआई से मदद मांगी थी. वहीं, अब सीबीआई ने यूएई में खुल्लर का पता लगाया और अबू धाबी के एनसीबी के साथ मिलकर उन्हें पकड़वाया. इस दौरान जांच एजेंसी ने कहा कि यह सफल प्रत्यर्पण भारत के इंटरपोल और इसके विशेष पोर्टल भारतपोल के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग की प्रभावशीलता को दर्शाता है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यह मामला विदेशों में रहने वाले वित्तीय अपराधियों और भगोड़ों के खिलाफ भारत की सख्त कार्रवाई का एक और महत्वपूर्ण कदम है.
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