Flood Situation in Western UP: पश्चिम यूपी में भी गंगा का कहर, घरों में घुसा पानी, छतों पर शरण लेने को मजबूर लोग

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Flood Situation in Western UP: गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से पश्चिम यूपी के खादर क्षेत्र के कई गांव जलमग्न हो गए हैं. सीकरी और सलेमपुर खादर गांवों में स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है, जहां बाढ़ का पानी घरों में घुस चुका है. ग्रामीण परिवारों ने मजबूर होकर छतों पर तंबू लगाकर अस्थायी डेरा डाल लिया है. बाढ़ के कारण सिर्फ इंसान ही नहीं, पशुधन भी परेशानियों से जूझ रहा है.

चारा और सुरक्षित स्थान की कमी ने मवेशियों के लिए भी संकट खड़ा कर दिया है. सीकरी गांव की स्थिति सबसे अधिक प्रभावित मानी जा रही है. यहां के सिख परिवारों के घर पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं, जिससे घर का सामान नष्ट हो गया है. साथ ही, खाद्य सामग्री और पीने के पानी की भारी कमी लोगों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. जिलाधिकारी ने हालात की गंभीरता को देखते हुए,प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और राहत कार्यों की समीक्षा की.

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सलेमपुर और ढोलनपुर गांवों में बाढ़ का कहर

पिछले तीन दिनों से गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे पश्चिमी यूपी के खादर क्षेत्र के सलेमपुर खादर, ढोलनपुर और आसपास के गांवों में पानी भर गया है. घरों में पानी घुसने के कारण स्थानीय लोग छतों पर तंबू लगाकर रहने को मजबूर हैं. लगातार बढ़ते जलस्तर से ग्रामीणों को रोजमर्रा की ज़िंदगी में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिलाधिकारी ने गुरुवार को नाव द्वारा बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया.

इस दौरान ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के सामने गंगा के किनारे बांध बनाने की मांग की, जिससे आगे बाढ़ को रोका जा सके.साथ ही सीकरी गांव में फंसे परिवारों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए त्वरित बचाव कार्य करने का अनुरोध भी किया गया. बाढ़ से प्रभावित परिवार अब ट्रैक्टर-ट्राली और बैलगाड़ी में अपना सामान लेकर सुरक्षित स्थान की तलाश में हैं.

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बाढ़ से बेहाल सीकरी गांव

खादर क्षेत्र के ज्यादातर निवासी सिक्ख समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और अपने खेतों पर बसे घरों में रहते हैं. हालात इतने खराब हो गए हैं कि सूबा सिंह, अशोक चौधरी, सिंदर सिंह, हरविंदर सिंह, बाज सिंह, निशांत सिंह सहित लगभग 85 परिवार बाढ़ के पानी में फंस गए हैं. जलस्तर इतना बढ़ चुका है कि कई मकानों में पानी छत तक पहुंच गया है, जिससे परिवारों को छतों पर शरण लेने के अलावा कोई चारा नहीं बचा. पीड़ितों की चिंता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, एनडीआरएफ ने बचाव अभियान शुरू कर दिया है. टीम प्रभावित इलाकों में जाकर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम कर रही है.

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