लखनऊः डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (आरएमएलएनएलयू) का चौथा दीक्षांत समारोह रविवार को आयोजित हुआ. इस अवसर पर बीए-एलएलबी ऑनर्स, एलएलएम वन इयर, पीजीडीसीएल, पीजीडीआईपीआर पाठ्यक्रमों के मेधावियों को स्वर्ण, रजत और कांस्य सहित कुल 21 पदक प्रदान किए गए. इस दौरान सफल विधार्थियों को 309 उपाधियां दी गईं. इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की मौजूदगी में मेधावियों ने न्याय की राह पर चलने का संलल्प लिया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपाधियां अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी. अपने संबोधन में सीएम ने कहा कि देश की मजबूत न्याय व्यवस्था ही सुशासन का आधार है. एक ऐसी व्यवस्था, जिसमें किसी के साथ भेदभाव न हो और सभी को उसकी योग्यता के अनुसार मौके मिले. ये सुशासन का आधार है और मजबूत न्याय व्यवस्था इसे संभव बनाती है.
इस मौके पर कुलपति डॉ.अमरपाल सिंह ने विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के मौके पर पारंपरिक पदकों के साथ विशेष स्मृति पदक भी दिए गए. इनमें कराधान विधि (टैक्सेशन लॉ), आपराधिक विधि (क्रिमिनल लॉ), संवैधानिक विधि में सर्वोच्च अंक पाने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया.
दर्शिका को तीन और अभ्युदय को दो सवर्ण पदक
इस अवसर पर दर्शिका पांडेय को तीन पदक मिलें. इसमें संवैधानिक विधि में सर्वोच्च अंक पाने के लिए स्व. पद्मावती मोहनलाल जरीवाला स्वर्ण पदक, स्टूडेंट ऑफ द ईयर के लिए वीरेंद्र भाटिया स्वर्ण पदक और बीए एलएलबी में कांस्य पदक शामिल है. अभ्युदय प्रताप को दो स्वर्ण पदक मिले, जिसमें बीए एलएलबी (ऑनर्स) में स्वर्ण पदक, केके लूथरा मेमोरियल स्वर्ण पदक शामिल है.
समाज में कुछ बेहतर करने की इच्छाः दर्शिका
बीए एलएलबी (ऑनर्स) की टॉपर छात्रा दर्शिका पांडेय ने बताया कि उन्होंने शुरुआती पढ़ाई कुशीनगर से की है. वह जज बनकर देश की न्याय व्यवस्था में कुछ बेहतर करना चाहती है. दर्शिका ने अपनी सफलता का श्रेय पिता सुधीर कुमार पांडेय को दिया. दर्शिका ने बताया कि बचपन से उनके पिता ने ही उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। वहीं, मां नीलम ने मनोबल बढ़ाया। गुरुजनों का भी योगदान है.

