डिजिटल टूल्स, पारदर्शी शासन और ₹48 लाख करोड़ का राजस्व: डॉ. राजेश्वर सिंह ने ‘मोदी मॉडल’ को बताया आत्मनिर्भर भारत की नींव

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Lucknow: उत्तर प्रदेश के सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक एवं भाजपा नेता डॉ. राजेश्वर सिंह (Dr. Rajeshwar Singh) ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच X (पूर्व Twitter) पर भारत की आर्थिक उपलब्धियों और कर-संग्रह के ऐतिहासिक आँकड़ों को साझा करते हुए कहा, “कर संग्रह केवल आर्थिक आँकड़ा नहीं होता, यह जनता की भागीदारी, सरकार की पारदर्शिता और राष्ट्र के विकास में विश्वास का प्रमाण होता है.” डॉ. सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारत और उत्तर प्रदेश में हो रहे राजकोषीय सुधारों और आर्थिक मजबूती को रेखांकित करते हुए एक डाटा-संपन्न विवरण प्रस्तुत किया:
भारत में कर संग्रह की ऐतिहासिक यात्रा (2015–2025)
1. कुल कर राजस्व (Total Tax Revenue):
वित्त वर्ष 2016‑17 में ₹19.75 लाख करोड़ से बढ़कर 2024‑25 में ₹48.2 लाख करोड़ तक पहुँचने का अनुमान, यह आठ वर्षों में 2.4 गुना से अधिक वृद्धि दर्शाता है.
2. GST संग्रह: एक क्रांतिकारी बदलाव
जुलाई 2017 में लागू हुआ GST आज भारत की राजस्व रीढ़ बन चुका है, FY21 में ₹11.37 लाख करोड़ से FY25 में ₹22.08 लाख करोड़— यानी 5 वर्षों में दोगुना संग्रह, FY25 में GST में 9.4% की वार्षिक वृद्धि, मासिक औसत GST संग्रह ₹95,000 करोड़ (FY22) से बढ़कर ₹1.84 लाख करोड़ (FY25), GST पंजीकृत करदाताओं की संख्या 65 लाख (2017) से बढ़कर 2025 में 1.51 करोड़ से अधिक.
3. प्रत्यक्ष कर संग्रह (Income & Corporate Tax):
FY 2023‑24 में कुल इनकम टैक्स संग्रह ₹19.58 लाख करोड़ (17.7% वृद्धि)।व्यक्तिगत आयकर ₹10.44 लाख करोड़ (25% वृद्धि), कॉरपोरेट टैक्स ₹9.11 लाख करोड़ (10.26% वृद्धि), कुल करदाता संख्या 2014 में 6.9 करोड़ से बढ़कर 2024-25 में 15.7 करोड़ तक पहुँची.
4. टैक्स-टू-GDP अनुपात:
दिसंबर 2024 तक भारत का टैक्स राजस्व GDP का 6.8% रहा, जबकि पहले यह आंकड़ा 9.1% तक था, इसका अर्थ है कि भारत के पास राजस्व गतिशीलता को और अधिक मज़बूत करने की व्यापक संभावना है.
मुख्य निष्कर्ष:
* कर आधार में अभूतपूर्व विस्तार: 6.9 करोड़ से 15.7 करोड़ करदाता.
* GST ने भारत को एकीकृत कर प्रणाली दी और राजस्व में तेज़ उछाल लाया.
* डिजिटल अनुपालन सुधार जैसे: ई-इनवॉइसिंग, ई-वे बिल, AI आधारित विश्लेषण, फेसलेस मूल्यांकन प्रणाली
* उच्च कर संग्रह ने सरकार को अवसंरचना, डिजिटल इंडिया, रक्षा, शिक्षा, और कल्याण योजनाओं में निवेश हेतु सक्षम बनाया.
बढ़ते कर संग्रह का अर्थ क्या है?
* मजबूत अर्थव्यवस्था:उत्पादन, आय, और खपत में तेज़ी.
* कर आधार का विस्तार और औपचारिकरण: अधिक लोग औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बने.
* बेहतर शासन और तकनीकी अपनापन: डिजिटल टूल्स के माध्यम से पारदर्शिता और कर अनुपालन में सुधार.
* जन विश्वास में वृद्धि: नागरिक टैक्स देने को तैयार, जब शासन साफ़ और परिणामदायक हो.
* विकास के लिए संसाधन: शिक्षा, स्वास्थ्य, AI शहरों, रक्षा और सामाजिक योजनाओं के लिए अधिक फंड.
डॉ. राजेश्वर सिंह का निष्कर्ष: “ये आँकड़े केवल आर्थिक प्रगति नहीं दिखाते, बल्कि यह मोदी मॉडल का प्रमाण हैं, जहाँ साहसी सुधार, ईमानदार शासन और तेज़ विकास के साथ एक ‘नया भारत’ आकार ले रहा है.” “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सुधारक कार्यशैली ने भारत को एक आत्मनिर्भर, पारदर्शी और भविष्य-उन्मुख कर व्यवस्था प्रदान की है.”

More Articles Like This

Exit mobile version