लखनऊ: शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के कांफ्रेंस हाल में उत्तर प्रदेश के न्यायिक सेवा संघ के 42वें सम्मेलन का शुभारंभ किया. सीएम ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली के साथ अन्य वरिष्ठ न्यायमूर्ति संग दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. न्यायिक सेवा संघ के अध्यक्ष डीके सिंह ने सभी का स्वागत किया.
इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि किसी भी राज्य के परसेप्शन के लिए न्याय पालिका की बड़ी भूमिका होती है. न्याय को सुगम व त्वरित बनाने में सरकार की भी बड़ी भूमिका होती है. ‘विकसित भारत की शुरुआत अपनी इकाई से करनी होगी. विकसित भारत के लिए विकसित यूपी जरूरी है. न्याय सुगम व न्याय त्वरित बनाना पड़ेगा और इस विषय में बहुत प्रयास हुए है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के शताब्दी के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्याय पालिका को विकसित भारत से जोड़ा था. सुदृण न्यायिक व्यवस्था से यह समग्रता सबकी खुशहाली का कारण बनेगी. सीएम ने कहा कि वर्ष भर में संविधान के प्रति वचन बद्धता के आयोजन हो रहे है. यहां की जो थीम है, न्याय है यह अधिवेशन हमें महाकुंभ का दिव्य दर्शन कराता है. उन्होंने कहा कि प्रयागराज में हमारी मुख्यपीठ भी स्थित है और उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा हाई कोर्ट है. आज यहां पर न्यायिक अफसरों का महाकुंभ आयोजित किया गया है.
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में वर्ष में 2024 में जनपद ट्रायल कोर्ट में 72 लाख मामलों का निस्तारण हुआ, इसके बाद भी एक करोड़ 15 लाख से ज्यादा मामले लंबित पड़े है. अब ज्यादा से ज्यादा मामले निस्तारित हो रहे हैं और इसका परिणाम आज प्रदेश में दिख रहा है. सरकार भी न्यायिक व्यवस्था को सुगम और सुदृण बनाने में सहयोग कर रही है.
उन्होंने कहा कि 1 जुलाई 2024 को तीन नए कानून लागू हुए हैं. नए कानून लागू होने से थोड़ी कठिनाई होगी, लेकिन न्यायिक अधिकारियों ने इसको लागू किया. तीनों नए कानून दंड पर आधारित नहीं, न्यायबोर पर आधारित है. यह लोकतंत्र को आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होने जा रहे है. यूपी सरकार न्याय पालिका के कार्यों की सस्ती व सुगम व्यवस्था उपलब्ध कराने में निर्णायक भूमिका अदा करने को प्रतिबद्ध है. सरकार ने हर स्तर पर प्रयास किया है.
सीएम ने कहा कि वर्ष 2024-25 में हमने प्रयागराज में न्यायधीशों के आवास के निर्माण के लिए स्वीकृत दी है. लखनऊ में आवास के लिए 117 करोड़ रूपये की वित्तीय स्वीकृति दिला चुके है. प्रयागराज के भवन के रख-रखाव के लिए 44 करोड़ 91 लाख रुपये राज्य सरकार जारी कर चुकी है. हमारी सरकार ने न्यायालय के इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में नई व्यवस्था आगे बढ़ाई है. जनपद न्यायालय मोटर एक्सीडेंट से जुड़े ट्रिब्यूनल न्यायालय के लिए अच्छा कॉम्प्लेक्स उपलब्ध करा सके. हमने दस जनपदों में व्यवस्था की है. केंद्र सरकार आवासीय व कोर्ट रूम के लिए 2024-25 में 148 करोड़ और और 2025-26 में 239 करोड़ करोड़ जारी कर चुकी है. हमारी सरकार ने यूपी में न्यायिक अधिकारियों के वेतन भत्तों के लिए 1092 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों के लिए 14.92 करोड़ रु की लागत से स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स बनाया जा रहा है और ऑडोटोरियम के लिए 2.36 करोड़ रुपये की स्वीकृति की जा चुकी है. रख-रखाव के लिए 81 करोड़ की राशि स्वीकृति की जा चुकी है और डॉ राजेंद्र करोड़ विधि विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए 387 करोड़ रु दिए जा चुके है.
सीएम ने कहा कि सुरक्षा के लिए 50 करोड़ रु का फंड उपलब्ध कराने की घोषणा करता हूं. आने वाले समय में न्यायालयों में आधुनिक तकनीकी की व्यवस्था के साथ ही डाटा वेस एएआई का इस्तेमाल कराने का सरकार इंतजाम कर रही है. न्यायिक व्यवस्था में डिजिटल के साथ ई फॉरेंसिक पर सरकार काम कर रही है. हम न्याय पालिका का हर प्रकार का सहयोग करने के लिए तैयार हैं, यहां पर जो बातें हमारे समक्ष रखी गई, वह बहुत पहले हो जानी चाहिए थीं.