चर्खा से चंद्रयान तक, देश के ‘विकसित भारत’ के विजन को आागे बढ़ा रहा MSME, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम दिवस पर बोले NSIC के CMD

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Subhranshi Shekhar Acharya: विश्व सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) दिवस के अवसर पर, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC) के अध्यक्ष-संयोजक सुब्रंशी शेखर आचार्य ने भारत के MSME क्षेत्र के परिवर्तनकारी सफर पर प्रकाश डालते हुए इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया. सुब्रंशी शेखर ने कहा कि “चर्खा से चंद्रयान तक, MSME क्षेत्र ने ग्रामीण उद्योगों से लेकर आज भारत के अंतरिक्ष मिशनों तक अहम योगदान दिया है.”

इकोनॉमिक टाइम्स (ET) डिजिटल से बातचीत के दौरान आचार्य ने भारत के विकसित भारत  बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने में MSME क्षेत्र की भूमिका पर जोर दिया. इस दौरान उनहोंने कहा कि “जहां बड़े उद्योग सीमित रोजगार अवसर प्रदान करते हैं, वहीं MSME क्षेत्र में लाखों युवाओं के लिए रोजगार सृजन की क्षमता है.

NSIC का सरकारी योजनाओं से मेल

उन्‍होंने बताया कि हर साल करीब 15 मिलियन छात्र हमारे विश्वविद्यालयों से स्नातक होकर बाहर आते हैं, लेकिन MSMEs वह क्षेत्र है जो उन्हें रोजगार के साथ-साथ मूल्य-निर्माण गतिविधियों में जोड़ने की क्षमता रखता है.” इसके अलावा, NSIC, सरकार की कई प्रमुख योजनाओं जैसे PM Vishwakarma Yojana और PM SVANidhi में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है.

MSME क्षेत्र की वृद्धि

आचार्य ने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से सरकार MSMEs को प्रौद्योगिकी, डिजिटल मार्केटिंग, और महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है. इसके अलावा, भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी लोग अपने मौजूदा कार्यों में मूल्य वृद्धि करें.”

प्रशिक्षण, इन्क्यूबेशन और आधुनिक प्रौद्योगिकी

दरअसल, MSMEs के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, कुशल जनशक्ति की कमी. इसे दूर करने के लिए NSIC देश भर में प्रौद्योगिकी केंद्र और इन्क्यूबेशन केंद्र चला रहा है. ये केंद्र MSMEs को सीएनसी, सोलर पंप तकनीक, इलेक्ट्रिक वाहन समाधान और रोबोटिक्स जैसी आधुनिक औद्योगिक प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षित कर रहे हैं. इसके साथ ही लाइवलिहुड इन्क्यूबेशन सेंटर युवाओं को व्यावासिक प्रशिक्षण, बैंकों से ऋण की मदद और बाजार से जोड़ने का काम कर रहे हैं.

इंडस्ट्री 4.0 और MSMEs के लिए आधुनिक तकनीक

इसके अलावा, इंडस्ट्री 4.0 की दिशा में, NSIC MSMEs को स्मार्ट फैक्ट्री समाधान, आग्मेंटेड रियलिटी (AR), वर्चुअल रियलिटी (VR) जैसी नई तकनीकों को अपनाने में काफी मदद कर रहा है, जिससे MSMEs की उत्पादकता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ सके.

MSMEs के लिए संदेश

वहीं, MSME समुदाय को प्रेरित करते हुए आचार्य ने कहा कि “19वीं सदी यूरोप की थी, 20वीं सदी अमेरिका की थी, और 21वीं सदी भारत की होगी. MSMEs भारत की वृद्धि और नेतृत्व में अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं.” उन्होंने MSMEs से कहा कि “यह बढ़ने और सफलता के अगले स्तर तक पहुंचने का सबसे अच्छा समय है.” भारत के विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए MSMEs का योगदान अविश्वसनीय रहेगा.

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