Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर एल्विश यादव के खिलाफ चल रही सांप के जहर से जुड़ी आपराधिक कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. एल्विश यादव ने इस मामले में चार्जशीट और मुकदमे की प्रक्रिया को चुनौती दी थी. अब अगली सुनवाई तक निचली अदालत में मामले की सुनवाई नहीं होगी. एल्विश यादव को पिछले साल मार्च में नोएडा पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था.
नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव समेत कुछ लोगों पर दर्ज किया था मुकदमा
नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव समेत कुछ लोगों पर सांप का जहर पार्टी में इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज किया था. आरोप था कि उन्होंने एक पार्टी में अवैध तरीके से सांपों और जहर का इस्तेमाल किया था. इस मामले में वन विभाग और पुलिस की जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की गई थी. एल्विश यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उनके खिलाफ गलत और बिना सबूत के आरोप लगाए गए हैं. उनका कहना है कि वे निर्दोष हैं और उन्हें झूठा फंसाया गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस
न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने मामले में अपने खिलाफ आरोप- पत्र और आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली एल्विश यादव की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता को नोटिस जारी किया. शीर्ष अदालत इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ यादव की अपील पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी. आरोप- पत्र में विदेशियों समेत अन्य लोगों की तरफ से रेव पार्टियों में मनोरंजन के लिए साँप के जहर का सेवन करने का आरोप लगाया गया है.
नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव को किया था गिरफ्तार
एल्विश यादव को पिछले साल मार्च में नोएडा पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था. मामले में उनके वकील ने उच्च न्यायालय में तर्क दिया था कि आवेदक और सह- आरोपी के बीच कोई कारणात्मक संबंध स्थापित नहीं होने के अलावा, उसके पास से कोई सांप, मादक या मनोविकारजनक पदार्थ बरामद नहीं हुआ था. वकील ने आगे कहा था कि हालांकि सूचना देने वाला अब पशु कल्याण अधिकारी नहीं है, फिर भी उसने खुद को पशु कल्याण अधिकारी बताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी.