Tejas Mk1A : वर्तमान समय में भारत ने एक और उपलब्धि हासिल कर ली है. जानकारी देते हुए बता दें कि देश को पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान मिल गया है. भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस Mk1A ने सफल उड़ान भरी. बता दें कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिडेट (HAL) की नासिक फैक्ट्री से तेजस का सफल परीक्षण किया गया. इसके साथ ही HAL की LCA (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) के लिए तीसरी प्रोडक्शन लाइन और HTT-40 ट्रेनर विमान की दूसरी प्रोडक्शन लाइन का उद्घाटन भी किया गया.
जानकारी देते हुए बता दें कि तेजस 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, इतना ही नही बल्कि यह हवाई रक्षा के साथ जमीन पर भी हमला करने में भी सक्षम है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के पास तेजस विमान पहले ही है, लेकिन तेजस Mk1A एडवांस वर्जन है. बताया जा रहा है कि इसमें कई प्रकार के नई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है. बता दें कि पिछले कुछ सालों में तेजस ने कई ट्रायल उड़ाने भरीं, लेकिन यह उड़ान आखिरी तैयारी के रूप में थी और इसी कारण से यह और ज्यादा खास हो गई.
सफलतापूर्वक किया गया मिग-21 का परीक्षण
ऐसे में पिछले महीने ही वायुसेना ने 26 सितंबर को मिग-21 को अपने बेड़े से रिटायर कर दिया है. इस दौरान HAL का कहना है कि तेजस Mk1A के सभी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए जा चुके हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार ब्रह्मोस समेत इस फाइटर जेट को विभिन्न स्वदेशी हथियारों से लैस किया जाएगा. इसमें अपग्रेडेड एवियॉनिक्स और रडार सिस्टम हैं.
भारतीय कंपनियों ने महत्वपूर्ण योगदान
बता दें कि इसके सफल परीक्षण और निर्माण में भारतीय कंपनियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है और 65 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी उपकरण इसके निर्माण में लगे हैं. जानकारी के मुताबिक भारतीय वायुसेना को लड़ाकू विमानों की आपूर्ति के लिए 25 सितंबर को नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण अनुबंध किया गया है. जिसमें 62 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से भारतीय वायुसेना को 97 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट उपलब्ध कराए जाएंगे.
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