Weather Update: भारत में मानसून इस समय अपने चरम पर है. दिल्ली से लेकर उत्तराखंड की पहाड़ियों तक भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. कई इलाकों में जलभराव, भूस्खलन और नदियों के उफान ने बड़ी चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं. आईएमडी चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति बनी रह सकती है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
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बारिश थमी, लेकिन बाढ़ का खतरा बरकरार
पिछले सप्ताह दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश से हालात बिगड़ गए थे. हालांकि अब बारिश की रफ्तार धीमी हुई है, लेकिन यमुना का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है. दिल्ली सचिवालय तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है.
सोनिया विहार जैसे इलाकों में जमीन धंसने की घटनाएं सामने आई हैं, जो चिंता का विषय हैं. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में बने दबाव से मानसून ट्रफ दक्षिण की ओर खिसक रहा है, जिससे बारिश फिलहाल कुछ दिन के लिए कम हो सकती है. लेकिन, इससे दिल्ली में उमस और गर्मी की वापसी तय मानी जा रही है.
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उत्तर प्रदेश: बारिश थमी, अब उमस बढ़ी
उत्तर प्रदेश में मानसून ने थोड़ी राहत जरूर दी है, लेकिन उमसभरी गर्मी ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है. 4 सितंबर से पूर्वी यूपी में मौसम साफ रहने की संभावना है, जबकि पश्चिमी यूपी में हल्की बारिश हो सकती है.
बीएचयू के मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह राहत अल्पकालिक है, क्योंकि कुछ ही दिनों में एक नया सिस्टम सक्रिय होगा और बारिश फिर से लौट सकती है.
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बिहार में येलो अलर्ट, गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना
बिहार में मानसून ने एक बार फिर करवट ली है. दिन में चिलचिलाती गर्मी के बाद शाम को बादलों ने राहत दी. मौसम विभाग ने सितंबर में सामान्य से ज्यादा बारिश का अनुमान जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है.
अगले कुछ दिनों में पश्चिमी और उत्तर-मध्य बिहार में वज्रपात, तेज हवाएं और गरज-चमक के साथ बारिश का खतरा बना रहेगा. 7 और 8 सितंबर को भारी बारिश की संभावना है.
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उत्तराखंड में भूस्खलन और बर्फबारी का कहर
उत्तराखंड में मानसून की तबाही सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है. नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है. अब तक 373 सड़कें भूस्खलन की वजह से बंद हो चुकी हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हालात पर निगरानी रखते हुए ‘गड्ढा मुक्त अभियान’ चलाने का ऐलान किया है. इस बीच गंगोत्री और बद्रीनाथ की ऊंची चोटियों पर सितंबर में हुई बर्फबारी ने सभी को चौंका दिया है, जो पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता का संकेत है.
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