सुप्रीम कोर्ट से पहलवान सुशील कुमार की जमानत रद्द, सात दिन के अंदर करना होगा सरेंडर, फिर जाएंगे जेल

Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने दो बार के ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की जमानत रद्द कर दी है. सुशील पर जूनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियन सागर धनखड़ की हत्या का आरोप है. वह सागर धनखड़ की हत्या में मुख्य आरोपी बनाए गए थे.

सागर के पिता की ओर से की गई थी जमानत आदेश को रद्द करने की मांग

बुधवार को न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने सुशील को जमानत देने संबंधी दिल्ली हाई कोर्ट के 4 मार्च के आदेश को रद्द कर दिया. सागर के पिता की ओर से जमानत आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी. न्यायमूर्ति करोल ने फैसले का मुख्य अंश पढ़ते हुए जमानत आदेश के विरोध में दायर याचिका को स्वीकार कर लिया.

सात दिन के अंदर करना होगा सरेंडर

न्यायाधीश ने कहा कि, सुशील कुमार को एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करना होगा. वहीं, सुशील कुमार जमानत पर छूटने के बाद उत्तर रेलवे में अपनी ड्यूटी पर लौट आए थे. पर, अब उन्हे सात दिन के अंदर सरेंडर करना होगा. उसके बाद इन्हें जेल भेजा जाएगा. वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ मृदुल ने सागर के पिता अशोक धनखड़ का प्रतिनिधित्व किया. जबकि, वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी सुशील कुमार की ओर से शीर्ष अदालत में पेश हुए.

हमले में पहलवान धनखड़ की हुई थी मौत 

सुशील कुमार पर कई अन्य के साथ मिलकर 4 मई 2021 को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम की पार्किंग में एक संपत्ति विवाद को लेकर धनखड़ और उनके दो दोस्तों सोनू और अमित कुमार पर हमला करने का आरोप लगा है. हरियाणा के रोहतक निवासी पहलवान धनखड़ (23) की हमले में मौत हो गई थी. जबकि, उनके दो साथी घायल हो गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, धनखड़ की मौत चोट लगने से हुई.

दिल्ली पुलिस ने मुंडका में किया था गिरफ्तार

इसके बाद ओलंपियन की तलाश में बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी. 18 दिनों तक पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में भागने के बाद गिरफ्तार किया गया. दिल्ली पुलिस ने मुंडका इलाके में गिरफ्तार किया था. 23 मई 2021 को गिरफ्तारी के बाद सुशील को रेलवे की नौकरी से निलंबित कर दिया गया था. साथ ही न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. जहां वह अपनी जमानत के आदेश तक रहें.

मुकदमा भी जल्द खत्म होने की संभावना नहीं रही..

उच्च न्यायालय में अपनी जमानत याचिका में सुशील ने कहा था कि, वह पहले ही साढ़े तीन साल जेल में बिता चुके हैं. मुकदमा भी जल्द खत्म होने की संभावना नहीं रही. अब तक अभियोजन पक्ष के 222 गवाहों में से केवल 31 से ही पूछताछ हुई है. उच्च न्यायालय ने इसे देखते हुए उन्हें जमानत दे दी थी. सुशील कुमार ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था. जबकि, 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक से नवाजे गए थे.

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