One Nation One Election: देश में इस समय ”वन नेशन वन इलेक्शन” को लेकर चर्चा तेज है. हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर अध्ययन करने के लिए 8 सदस्यों वाली कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं. इस कमेटी में देश भर के पक्ष विपक्ष के कई नेताओं का नाम शामिल है. इस बीच खबर है कि इस कमेटी की पहली बैठक आज होगी, जिसमें सभी लोगों के उपस्थित होने की उम्मीद है. ये बैठक कमेटी के अध्यक्ष रामनाथ कोविंद के आवास पर शाम 3 बजे होनी है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ कमेटी की पहली आधिकारिक बैठक आज होने की संभावना है. प्राप्त जानकारी के अनुसार ये बैठक दोपहर तीन बजे शुरू होगी. हाल ही में रामनाथ कोविंद ने कानून मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की थी.
कमेटी में ये 8 लोग
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के अध्यन के लिए जिस कमेटी का गठन सरकार द्वारा किया गया है, उसमे कुल 8 सदस्य हैं. इन सदस्यों में अमित शाह, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे, अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आजाद और संजय कोठारी अन्य सदस्य होंगे. हालांकि कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस कमेटी से अपना नाम वापस लेने की बात कही है.
सरकार ने गिनाए फायदे
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर केंद्र सरकार ने तर्क दिया है कि इससे चुनाव के दौरान खर्च होने वाले सैकड़ों हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी. वहीं, केंद्र का कहना है कि अगर ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लागू किया जाता है तो पूरे देश में लोकसभा और राज्य विधानभा के लिए एक साथ वोटिंग होगी. इससे देश का समय बचेगा और लोगों को सहूलित होगी.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार सार्वजनिक मंच से ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को लेकर जिक्र किया है. पीएम मोदी ने नवंबर 2020 में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ केवल बहस का मुद्दा नहीं है बल्कि भारत की आवश्यकता है. उन्होंने आगे कहा था कि भारत में प्रत्येक महीने में चुनाव होता है, इससे विकास कार्यों में बाधा आती है और देश को इतने पैसों को बर्बाद नहीं करना चाहिए.
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