ये कैसा इलेक्शन कमीशन? MP में विधानसभा चुनाव से पहले ही शुरू हो गई वोटिंग, जानिए क्यों हुआ ऐसा!

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MP Assembly Elections 2023: यूं ही नहीं मध्य प्रदेश को अजब-गजब कहा जाता है, बल्कि यहां आए दिन अजब-गजब कारनामें भी होते रहते हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि अभी तक आपने किसी भी चुनाव से पहले नेताओं को टिकट देने के लिए पार्टी द्वारा सर्वे कराने के बारे में देखा और सुना होगा, लेकिन मध्य प्रदेश में एक अनोखा प्रयोग देखने को मिल रहा है. बताते चले कि अभी निर्वाचन आयोग द्वारा मध्य प्रदेश में चुनाव के तिथि की घोषणा भी नहीं की गई है कि यहां एक विधानसभा ऐसा है, जहां के विधायक खुद का इलेक्शन कमीशन बना लिए हैं और विधानसभा चुनाव से पहले ही मतदान करा रहे हैं. आइए जानते हैं पूरा मामला विस्तार से…

जानिए पूरा मामला
दरअसल हम बात कर रहे हैं, मध्य प्रदेश के कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा की. जहां के बीजेपी विधायक संजय पाठक विधानसभा चुनाव से पहले वोटिंग करा रहे हैं, कि वो चुनाव लड़ें या नहीं. उन्होंने ऐलान कर दिया है कि अगर मुझे 50 फीसदी से कम वोट मिलते हैं तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसीलिए वे चुनाव से पहले जनता का मूड देखना चाह रहे हैं.

निर्वाचन आयोग की तरह हुई तैयारी
हैरानी की बात यह कि विजयराघवगढ़ विधानसभा के बीजेपी विधायक संजय पाठक ने विधानसभा चुनाव से पहले करा रहे इस चुनाव में निर्वाचन आयोग की तरह मतदान की पूरी तैयारी की है. इसके लिए प्रत्येक गांव में बूथ स्तर पर मतदान की पेटियां भेजी जा रही है. इस चुनाव में जिस मतदान पेटी का इस्तेमाल हो रहा है. उसका नाम जनादेश रखा गया है. बता दें कि यह मतदान प्रक्रिया 21 अगस्त से शुरू हुई है, जो 25 अगस्त तक चलाई जाएगी. बताते चलें कि जनादेश के लिए कार्यकर्ता मतदान पेटियां लेकर रवाना हो गए हैं.

जानिए कैसे हो रही वोटिंग
आपको बता दें कि विजयराघवगढ़ विधानसभा के विधायक संजय पाठक द्वारा यह वोटिंग पर्ची के माध्यम से कराई जा रही है. पर्ची में लिखा है कि क्या आप संजय सत्येंद्र पाठक को प्रधान सेवक बनाना चाहते हैं? हां और ना का विकल्प पर्ची में दिया गया है. वोटर अपनी पसंद पर निशान लगा सकेंगे. इसके बाद वोटर के नाखून पर स्याही लगा दी जाएगी. वोटिंग के दौरान सिर्फ एक बार ही वोट दिया जा सकेगा. इस चुनाव को लेकर विधायक संजय पाठक ने बताया ‘पद महत्वपूर्ण नहीं है. पार्टी आलाकमान जिसको चाहे टिकट दें. मुझे स्वीकार है. जनता तय करेगी मेरे भाग्य का फैसला. इन्होंने कहा कि अगर आपको लगे कि मैंने कोई काम नहीं किया तो आप मना कर देना.’

गौरतलब है कि भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब कोई विधायक विधानसभा चुनाव से पहले खुद वोटिंग करा रहा हो और विधानसभा चुनाव लड़े या ना लड़े यह फैसला जनता के जिम्मे सौंप दिया हो. आपको बता दें कि संजय पाठक मध्य प्रदेश के सबसे अमीर विधायक भी हैं.

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