Aastha

सूर्य और चंद्र के समान हैं भगवान शंकर के नेत्र: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जल हमारे जीवन के लिए अति आवश्यक है, जल ही जीवन है. परन्तु इसके तीन रूप हैं, बर्फ पानी और वाष्प. भगवान शंकर में यह तीनों रूप दिखाई पड़ता...

पुरुषार्थ के मुर्तमान स्वरूप हैं भगवान कार्तिकेय: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान शिव विश्वास के मूर्तमान स्वरूप है और माता पार्वती मूर्तिमान श्रद्धा स्वरूपा हैं. भगवान शिव समाधि में थे और माता पार्वती ने साधना पूर्ण कर लिया था. उसी...

हम सबके द्वार पर उपस्थित हैं घट-घट में बसने वाले शिव: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान शिव की अद्भुत बरात का वर्णन है, ऐसी बारात सृष्टि के इतिहास में कभी नहीं निकली. शिव बारात में समस्त देवता शामिल थे, दानव, मानव, भूत, पिशाच, शाकिनी,...
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