dharam karam

जो दूसरों को सुखी करता है, वही हो सकता है सुखी: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, व्यवहार और भक्ति- सभी में एक ही परमात्मा निवास करते हैं, ऐसा समझ कर व्यवहार करने से वह व्यवहार भी भक्ति बन जाता है। व्यवहार और भक्ति को अलग-अलग मत...

श्रीमद्भागवत के श्रवण मात्र से समाप्त हो जाते हैं कल्प-कल्पांतर के पाप: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, परमात्मा आनंद के केंद्र है, सच्चिदानंद- भगवान् कृष्ण सत् - जो तीनों काल में सदा रहता है उसे सत कहते हैं। चित- जो चेतन होता है उसे चित् कहते हैं...

स्वयं के हाथों ही होगा अपना उद्धार: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जीवन गाड़ी के चालक परमात्मा- रात को चलने वाली रेल में चाहे सभी यात्री सो जाएं, पर क्या रेल का ड्राइवर सो सकता है? मध्य रात्रि को तेजी से दौड़ती...

ईश्वर से अलग होने वाला उसी का अंश है जीव: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ईश्वर का उपकार- श्रीमद्भागवत में पुरंजन की कथा आती है. पुरंजन का अविज्ञात नामक एक मित्र था. वह हमेशा उसकी गुप्त रूप से मदद करता था. यह पुरंजन अर्थात् जीवात्मा...

करुणा पूर्ण हृदय से किए गए स्मरण द्वारा ही प्रभु की होगी प्राप्ति: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, स्मरण और सत्कर्म- दान, यज्ञ या कोई भी सत्कर्म करो, पर साथ-साथ प्रभु का नाम स्मरण भी करते रहो। स्मरण के बिना किया गया सत्कर्म अभिमान पैदा करेगा और की...

जो काम का सेवक बन जाता है, वह काल के गाल में चला जाता है: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भक्त का संपूर्ण जीवन महोत्सव- आज तक जो मेरा नहीं हो सका, व अब भविष्य में होने वाला नहीं है. ऐसे जगत को मुझे भूल जाना है और परमात्मा का...

जिसके मन में पुत्र होने पर भी आनंद, ना होने पर भी आनंद, उसका नाम है भक्त: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, संत बनो प्रत्येक नगर में कोई न कोई संत और महान लोग आवश्यक होते हैं। यदि वे न हों तो वह शुभ संकेत नहीं है। परंतु शास्त्रों में कहा गया...

जिसकी मति सुकर्म में लगी हो, वही है श्री राम भक्त: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, सोते उठते हरिस्मरण- शयन के समय बिस्तर पर लेटने के बाद जो तुम्हें बार-बार याद आये, उसी में तुम उलझे हुए हो। कुछ लोग सोते-सोते व्यापार के बारे में विचार...

जो ईश्वर के उपकार को भूल जाता है, वह कभी नहीं हो सकता सुखी: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, आनंद अपने भीतर है. आनंद किसी बाहरी वस्तु में नहीं है। वह तो आपके भीतर बैठा है। बाहर की वस्तु में आनंद ढूंढोगे तो वेदना की भट्टी में गिरोगे, क्योंकि...

भक्तिमार्ग समर्पण का करता है संकेत: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, त्याग और समर्पण- अपनी इच्छा या बुद्धि से नहीं, अपितु संतों के निर्देशानुसार ही सत्कर्म करो. शिवजी त्याग रूप हैं और श्रीकृष्ण प्रेम स्वरूप है. भगवान शंकर ने विश्व के...
- Advertisement -spot_img

Latest News

भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर पकड़ा गया जापानी नागरिकों को ठगने वाला साइबर मास्टरमाइंड, CBI ने किया गिरफ्तार

New Delhi: CBI ने जापानी नागरिकों को निशाना बनाने वाले तकनीकी सहायता घोटाले के मुख्य आरोपी द्विबेंदु मोहराना को...
- Advertisement -spot_img