Divya morari bapu

मानवता का मनोविज्ञान है श्रीरामकथा: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, श्रीरामकथा मानवता का मनोविज्ञान है। अपने बिखरे हुए मन को,अपनी बिखरी हुई चेतना को, किस प्रकार जोड़ सकते हैं? अखंड कर सकते हैं और अखंड की आराधना कर सकते...

प्रकृति के गुणों से वशीभूत होकर जीव कर्म करने के लिये है मजबूर: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, आसक्ति के कारण हम आप अपना कर्म ठीक से नहीं कर पाते हैं, क्योंकि जहां आसक्ति आई की आग्रह आया, आग्रह आया की टेंशन आया और टेंशन आया कि...

सद्गुरु के उपदेश से प्रकट होता है ज्ञान: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जब तक महापुरुषों के चरणारविंद रज का हमारे मस्तक पर अभिषेक नहीं होता तब तक अज्ञान नहीं मिटता, चाहे लाख यत्न करे कोई तो सद्गुरु के चरणारविंद की रज...

अज्ञान ज्ञान को ढ़क तो सकता है, लेकिन मिटा नहीं सकता: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, बिना जाने विश्वास नहीं होता और बिना विश्वास के प्रीति नहीं होती, प्रेम नहीं होता और प्रीति के बगैर प्राप्ति नहीं होती क्योंकि प्रेम से ही पाना सम्भव है।...

भगवान से हुए प्रेम को ही कहते हैं भक्ति: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, परम सत्य का हम ध्यान करते हैं। सत्य एक ही है। उस सत्य को आप जिस नाम से पुकाराना चाहो पुकारो। कृष्ण कहो, राम कहो, शिव कहो, ईश्वर कहो,...

जो नफरत की आग को बुझाये वही है धर्म: दिव्य मोरारी बापू

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, परम सत्य का हम ध्यान करते हैं। सत्य एक ही है। उस सत्य को आप जिस नाम से पुकाराना चाहो पुकारो। कृष्ण कहो, राम कहो, शिव कहो, ईश्वर कहो,...

अर्पण करने वाला मनुष्य कर्मबंधन से हो जाता है मुक्त: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ध्येय और लक्ष्य- बिना निश्चय के चल दोगे तो बताओ कहाँ जाओगे? इस जीवन में क्या करना है? पहले ध्येय और लक्ष्य बना लो। जरा सोचो, इस विषय की...

भाग्य नहीं, भाव से मिलते हैं परमात्मा: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, परमात्मा दुर्लभ नहीं है, पर परमात्मा की प्राप्ति करने वाला आदमी दुर्लभ है। भगवान् मिलने में देर नहीं लगाते हैं। देर केवल अपनी चाहत में है। परमात्मा हमसे दूर...

कर्मों का कर्ता बन कर्मफल से सम्बन्ध जोड़ने से ही जीव होता है सुखी: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कर्मों का कर्ता बन कर्मफल से सम्बन्ध जोड़ने से ही जीव सुखी दुःखी होता है यदि वह कर्म फल के साथ अपना सम्बन्ध न जोड़े तो वह कर्मफल के...

प्रभु का सम्बन्ध ही खोलता है उन्नति के द्वार: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान की आराधना और प्रार्थना ऐसी वस्तु है कि वह यदि शुद्ध श्रद्धा भक्ति से की जाये तो ऐसा कोई भी कार्य नहीं है जिसकी सिद्धि न हो सके।...
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