Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भागवत मानव के जीवन में प्रकाश लाता है। पुराण अर्क है। मनुष्य चाहे जो भी हो, जहां भी हो वह भगवान का ही है। भगवान का ही था और...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, आज हम देखते हैं कि चारों ओर अशांति छाई हुई है। लोग कहते हैं कि घर में टीसेट है, सोफासेट है, टी-वी- सेट है, मगर रहने वाला खुद अपसेट...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, 'सुखं में भूयात्' भीतर की चाह यही कहती है। परन्तु हम अन्धेरे में उलझे रहते हैं रास्ता नहीं मिलता। प्रकाश हो तो मार्ग दिखाई दे न? द्वार दिखें तो...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, वास्तव में सत्य न नूतन है, न पुरातन है। सत्य तो सनातन है। उस सनातन सत्य की बात कहने वाले ये शास्त्र हैं। शास्त्र वचन और गुरु वचन पूर्णनिष्ठा...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भागवत भगवान् की वांगमय पूजा है। जन-जन में भगवत प्रेम जागृत करने के लिये भगवद् कथा होनी चाहिए। भगवद् भक्ति पुरुषार्थ से नहीं मिलती, भगवद् कृपा से मिलती है।...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जितना बन सके शरीर से संसार की सेवा करो, मन से भगवान का स्मरण करो। स्मरण और सेवा ये दोनों न छूटे। सेवा स्नेह पूर्वक होती है। क्रिया में...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान श्रीराम का व्यक्तित्व इतना निर्विवाद है कि वह प्रत्येक दल, संप्रदाय, वर्ग और व्यक्ति के लिए प्रेरक हैं। गोस्वामी श्रीतुलसीदासजी महाराज ने श्री रामचरितमानस में चार घाट और...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान श्रीराम का व्यक्तित्व इतना निर्विवाद है कि वह प्रत्येक दल, संप्रदाय, वर्ग और व्यक्ति के लिए प्रेरक हैं। गोस्वामी श्रीतुलसीदासजी महाराज ने श्री रामचरितमानस में चार घाट और...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान् श्रीराम मां कैकेयी का आभार मानते हुए, मुक्ति का आनंद लेते हुए वन की ओर गये। पिता दीन्ह मोहि कानन राजू। जहँ सब भाँति मोर बड़ काजू।। तो...
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, संसार में कर्मवश जीव को आना पड़ता है और संसार में करुणावश भगवान का अवतरण होता है। "विप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार। निज इच्छा निर्मित तनु...