Puskar

कथाकार अपने कंठ के माध्यम से समाज को सतर्क और जागृत रखने का करते हैं प्रयत्न: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भारतीय संस्कृति में- सत्यम्, शिवम्, सुन्दरम्, उपासना करने वाली संस्थाएं अपने समाज में हैं। यह तीनों हैं पत्रकार, कथाकार और कलाकार। पत्रकार सत्य का उपासक है, कथाकार शिव का...

माता-पिता की सेवा से प्रसन्न होते हैं भगवान: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कोई कितना ही बुद्धिमान क्यों न हो, किन्तु यदि अपनी बुद्धि का उपयोग वह दूसरों को गिराने के लिए करता है, तो शास्त्र की दृष्टि में वह मंदमति ही...

सत्कर्म के द्वारा सुख प्राप्त करने से ही पूजनीय हैं देवता: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, जिसका दृष्टि पर अंकुश नहीं है उसका मन पर भी अंकुश नहीं है। व्यवहार पर अंकुश नहीं है। उसका अन्तःकरण मालिन हो जायेगा। जिसकी आंख बिगड़ती है, उसकी मन,...

परमात्मा का दर्शन आपको बना देगा विनम्र: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, प्रभु को वंदन करने से, साष्टांग प्रणाम करने से, जीव के बंधन कटते हैं। सिर झुकाने का तात्पर्य है अपनी ज्ञानशक्ति, अपना बुद्धि विवेक, आपको समर्पित कर रहा हूं।...

ईश्वर व्यापक है, इसलिए उन्हें ढूंढने की जरूरत नहीं: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ईश्वर व्यापक है। व्यापक है इसलिए उनका कहीं अभाव नहीं है। जो व्यापक है उसे ढूंढने की जरूरत नहीं है। सर्वदा है।श्रीमद्भागवतमहापुराण में भगवान व्यास कहते हैं कि- हरेक...

हम रावण जितने पापी नहीं है, फिर भी नहीं करा पाते अपना उद्धार: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, रावण जिसको हम असुर कहते हैं, राक्षस कहते हैं, वह भी वैर करके अपना उद्धार करा लेता है। हम रावण जितने पापी नहीं है, हम असुर, राक्षस नहीं हैं।...

साक्षात ईश्वर की दिव्य वाणी है श्री रामचरितमानस: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भगवान श्रीराम स्वयं भगवान हैं। मनुष्य रूप में अवतरित होते हुए भी वे दिव्यता और अलौकिकता से परिपूर्ण हैं। उनके जीवन की प्रत्येक घटना उनकी विशाल हृदयता और महान्...

रामायण का सम्पूर्ण चरित्र भगवान की मंगलमय लीला का है दर्शन: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, रामायण के इस भंडार में बड़े-बड़े तपस्वी उपदेश प्राप्त करते हैं। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि समग्र मानवता का कल्याण हो सकता है तो इसी ग्रंथ में बताये...

गीता सारे महाभारत ग्रंथ का है हृदय: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, कथा सत्संग में चरित्र निर्माण होता है। यहां खेती है विचारों की, इसलिए इसे ज्ञानयज्ञ कहते हैं। नया जीवन देती है यह श्रीरामकथा। सत्य और पुण्यकर्म का फल तो...

विज्ञान धर्ममय नहीं होगा, तो विज्ञान द्वारा विकास कम, ज्यादा होगा विनाश: दिव्य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, धर्म के नाम पर आज लड़ाई ज्यादा है। धर्म विज्ञान को नहीं समझा, इसलिए यह लड़ाई झगड़ा है। धर्म विज्ञानमय हो और विश्व के विज्ञान में धर्म हो। विज्ञान...
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