Kawad Yatra 2023: इस दिन शुरू हो रही कावड़ यात्रा, जानिए कौन था सबसे पहला कांवड़िया

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Sawan Month Kawad Yatra 2023 Start Date: 4 जुलाई से सावन का पावन महीना शुरू हो रहा है. जो 31 अगस्त को समाप्त होगा. सावन महीने में शिव भक्ति के लिए कावड़ यात्रा का विशेष महत्व है. कावड़िये पवित्र नदी से जल भरकर कावड़ कंधे पर रखते हैं और भगवान शिव के जलाभिषेक करनो के लिये पैदल ही निकल पड़ते हैं. पूरे देश में शिव भक्त अलग अलग जगह से कावड़ यात्रा निकालते हैं. आइए जानते हैं इस साल कब शुरू होगी कावड़ यात्रा और कौन था वो पहला कावड़ियां जिसने इसकी शुरुआत की थी.

कब शुरू होगी कावड़ यात्रा
सावन के महीने में देश के अलग-अलग जगहों पर अलग अलग दिन कावड़ यात्रा निकाली जाती है. वैसे तो सावन में कावड़ यात्रा पूरे महीने निकाली जा सकती है. लेकिन कुछ जगहों पर इसकी तिथि निर्धारित होती है. बता दें कि इस साल कांवड़ यात्रा 4 जुलाई 2023 से शुरू होगी और इसका समापन 15 जुलाई 2023 को सावन शिवरात्रि पर होगा.

जानिए कौन था पहला कांवड़िया
कावड़ यात्रा को लेकर कई धार्मिक कथाएं प्रचलित हैं. एक कथा के अनुसार भगवान परशुराम ने पिता जमदग्नि के आश्रम में चक्रवती राजा सहस्त्रबाहुत पहुंचे. जहां ऋषि जमदग्नि ने उनका सेवा सत्कार किया. तभी राजा को पता चला कि उनके पास कामधेनु गाय है, जो हर मनोकामना पूर्ण करती है. कामधेनू गाय के लालच में राजा सहस्त्रबाहु ने ऋषि जमदग्नि की हत्या कर दी. पिता की हत्या का बदला लेने के लिए परशुराम जी ने राजा सहस्त्रबाहु की भी हत्या कर दी. इसके बाद परशुराम जी के कठोर तपस्या से पिता को नया जीवनदान मिल गया. इधर परशुराम जी राजा की हत्या के पाप से मुक्ति के लिए सैकड़ों मील दूर से कावड़ में जलभर लाए और भगवान शिव का जलाभिषेक किए. जिससे वो हत्या के पाप से मुक्त हो गए. बताया जाता है कि जिस समय परशुराम जी ने शिव जी का जलाभिषेक किया वह सावन का महीना था. इसलिए परशुराम भगवान को पहला कांवड़िया बताया जाता है.

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कावड़ यात्रा महत्व
इस बार सावन महीने में अधिकमास लग रहा है. इसलिए सावन का दो महीने का हो रहा है और महादेव की कृपा पूरे दो महीने तक भक्तों पर रहेगी. ऐसा मान्यता है कि जो शिव भक्त सावन माह में कावड़ यात्रा करके भगवान शिव का जलाभिषेक करता है. उस पर भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उसके जानें अनजाने में किए गए सबी पापों से मुक्त कर देते हैं.

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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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